जयपुर (Jaipur)। मुख्यमंत्री कौन (chief minister who)? हाल के कुछ समय में कांग्रेस इस सवाल से एक, दो नहीं बल्कि कई राज्यों में घिरी हुई नजर आ चुकी है। अब राजस्थान (Rajasthan) के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Former Deputy Chief Minister Sachin Pilot) के बदलते रुख ने पार्टी को एक बार फिर चुनावी राज्य में संकट में लाकर खड़ा कर दिया है। इसके अलावा दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक (Karnataka) में भी दिग्गज सिद्धारमैया (Siddaramaiah) और प्रदेश प्रमुख डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) के बीच यह मुद्दा अनसुलझा ही नजर आ रहा है।
दो राज्यों में रार, एक में लग चुका झटका
पायलट अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर चुके हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव भी खुद को ‘दरकिनार’ किए जाने की बात कह रहे हैं। बीते विधानसभा चुनाव में एमपी में सरकार बनाने के बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद कांग्रेस को कुर्सी छोड़नी पड़ गई थी। खास बात है कि साल 2018 में तीनों ही राज्यों में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।
राहुल गांधी की तीन तस्वीरें
दिसंबर 2018 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक तस्वीर साझा की, जिसमें कमलनाथ और सिंधिया नजर आ रहे थे। उन्होंने लिखा, ‘दो सबसे ताकतवर योद्धा धैर्य और समय हैं।’ कहा जाता है कि इसके जरिए सिंधिया को संदेश साफ था। गहलोत और पायलट वाली एक अन्य तस्वीर में राहुल ने लिखा, ‘राजस्थान की एकता के रंग’। हालांकि, समय के साथ एकता कमजोर पड़ती नजर आई।
इसका उदाहरण साल 2020 में पायलट की बगावत, बीते साल सितंबर में हुए खींचतान है। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि पायलट को भरोसा दिया गया था कि उन्हें सरकार के अंतिम वर्ष में मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। संभावनाएं हैं कि इसके चलते ही पायलट का रुख बदला।
अब बात छत्तीसगढ़ की
राहुल की तरफ से शेयर की हुई तीसरी तस्वीर में छत्तीसगढ़ की राजनीति के तीन दिग्गज भूपेश बघेल, देव, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत नजर आए। रिपोर्ट में पार्टी सूत्रों के हवाले से कहा गया कि साहू और महंत का पत्ता काटने के लिए देव और बघेल एक हुए और रोटेशन सीएम का फॉर्मूला तैयार हुआ। हालांकि, सीएम बघेल इससे इनकार करते रहे हैं।
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