नई दिल्ली (New Delhi) । पांच राज्यों के विधानसभा और आगामी लोकसभा चुनाव (Assembly and Lok Sabha elections) के लिए कांग्रेस (Congress) ने चुनाव रणनीति का खाका तैयार कर लिया है। पार्टी ओबीसी, एससी/एसटी, अल्पसंख्यक और महिलाओं (minorities and women) को केंद्र में रखकर चुनाव मैदान में उतरेगी। जातिगत जनगणना, महिला आरक्षण विधेयक और एससी/एसटी एवं ओबीसी के लिए आरक्षण की ऊपरी सीमा बढ़ाने की मांग करते हुए कांग्रेस ने अपना एजेंडा साफ कर दिया है।
दो दिन तक चली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में चुनाव रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। सीडब्ल्यूसी में सरकार से संसद के विशेष सत्र में महिला विधेयक को पारित करने की मांग की है। इसके साथ पार्टी ने साफ कर दिया है कि ओबीसी राजनीति अब कांग्रेस के केंद्र में रहेगी। यही वजह है कि सीडब्ल्यूसी ने जातिगत जनगणना और आरक्षण की सीमा को बढ़ाने की वकालत की है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कोलार रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा दे चुके हैं। इसको आगे बढ़ाते हुए सीडब्ल्यूसी ने आरक्षण की सीमा बढ़ाने की मांग की है। पार्टी का मानना है कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में ओबीसी अहम भूमिका निभाएंगे। पिछले कई चुनाव में ओबीसी भाजपा को वोट करता रहा है, इसलिए कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ओबीसी मतदाताओं का भरोसा जीतने में जुटा है।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी ओबीसी की भूमिका अहम है। यही वजह है कि कांग्रेस जातिगत जनगणना और आरक्षण की सीमा बढ़ाने को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ा रही है। इंडिया गठबंधन के घटक दल राजद, जदयू और डीएमके पहले से जातिगत जनगणना के हिमायती रहे हैं। ऐसे में पार्टी की चुनाव रणनीति पर इंडिया गठबंधन के घटक दलों की भी छाप नजर आती है।
ऐसा नहीं है कि कांग्रेस ने इससे पहले कभी ओबीसी का भरोसा जीतने की कोशिश नहीं की, पर वर्ष 2006 में यूपीए सरकार के वक्त केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण और 2011 में जातिगत जनगणना कराने के फैसले के बावजूद पार्टी को इसका चुनावी लाभ नहीं मिला। पार्टी के एक नेता ने कहा कि अब स्थिति बिल्कुल अलग है। इंडिया गठबंधन के कई घटकदल इसके समर्थन में हैं। ऐसे में गठबंधन को इसका लाभ मिलेगा।
कांग्रेस कार्यसमिति: प्रदेश कांग्रेस से पूछकर राज्यों में गठबंधन करेगी कांग्रेस
इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA) में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस सहज नहीं है। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में रविवार को पांच राज्यों और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। दिल्ली और पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन का मुद्दा उठाया। इस पर कांग्रेस ने साफ किया कि राज्यों में गठबंधन प्रदेश इकाइयों से पूछकर किया जाएगा।
शनिवार और रविवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में दोनों दिन कई नेताओं ने आम आदमी पार्टी का मुद्दा उठाया। वरिष्ठ नेता अजय माकन और प्रताप सिंह बाजवा सहित कई नेताओं ने बैठक में आप के साथ गठबंधन पर आपत्ति जताई। इनकी दलील थी कि आप से गठबंधन पार्टी के हित में नहीं है। इससे संगठन को नुकसान होगा।
सूत्रों के मुताबिक, प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि आप मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपने उम्मीदवार खड़े कर रही है। आप पार्टी जहां भी चुनाव लड़ती है, वह कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करती है। इससे पहले अजय माकन ने भी कहा कि आप कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती है। इस पर पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि सीडब्ल्यूसी सीट बंटवारे पर चर्चा करने का मंच नहीं है। पर गठबंधन पर पार्टी प्रदेश इकाई से पूछकर फैसला करेगी।
सीडब्ल्यूसी में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के स्थानीय नेताओं के कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेने का भी मुद्दा उठा। एक सदस्य ने कहा कि भाजपा के तमाम मंत्री हर क्षेत्र में कई-कई दौरे कर चुके हैं, पर जब हम वरिष्ठ नेताओं को अपने क्षेत्र में बुलाते हैं, तो कोई कार्यक्रम नहीं देता। इस पर पार्टी नेतृत्व ने फौरन हिदायत देते हुए कहा कि सभी को पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा लेना चाहिए।
प्रधानमंत्री की तारीफ न करें
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पार्टी नेतृत्व ने नेताओं को प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ न करने की नसीहत दी है। भले ही वह किसी सरकारी कार्यक्रम में मौजूद हों। बैठक में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के प्रधानमंत्री की तारीफ करने का मुद्दा उठा। सूत्रों का कहना है कि सिंहदेव ने अपने बयान पर खेद जताया है। दरअसल, गुरुवार को एक सरकारी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए सिंहदेव ने कहा था कि उन्होंने छत्तीसगढ़ को बहुत कुछ दिया है।
11 राज्यों पर प्रस्तुति
विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में 11 प्रदेशों की कांग्रेस इकाइयों ने कुछ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव वाले पांच राज्यों समेत चुनाव तैयारियों को लेकर प्रस्तुति दी। इसमें प्रदेश कांग्रेस ने चुनाव तैयारियों और चुनाव रणनीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इन राज्यों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के साथ आंध्र प्रदेश, ओडिशा, हरियाणा, सिक्किम, महाराष्ट्र एवं अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।
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