इंदौर (Indore)। कांग्रेस भी महिला आरक्षण की वकालत करती आ रही है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी कह चुके हैं वे महिलाओं को अधिक से अधिक आरक्षण देंगे, लेकिन हकीकत यह है कि इंदौर शहर की 6 सीटों पर लडऩे के लिए कांगे्रस के पास महिला प्रत्याशी तक नहीं है। केवल ग्रामीण क्षेत्र की सांवेर ही एक ऐसी सीट है, जहां रीना बौरासी सेतिया दावेदारी कर रही हैं। इंदौर 1 के साथ-साथ राऊ में कोई महिला उम्मीदवार आने का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि यहां दो बड़े नेताओं का सीट पर कब्जा है। बाकी बची हुई 2, 3 और 4 नंबर सीट की बात की जाए तो एक भी सीट पर अभी तक किसी महिला उम्मीदवार का नाम सामने नहीं आया है। महिला आरक्षण की बात करने वाली देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के पास महिला उम्मीदवार का न होना पार्टी में महिलाओं की स्थिति बताता है।
कभी अर्चना जायसवाल और शोभा ओझा, स्व. रेखा गांधी जैसी नेत्रियों ने चुनाव लड़ा था, लेकिन वे जीत नहीं पाईं। 2 नंबर में भी एक भी महिला ऐसी नहीं है, जिसे आगे कर चुनाव लड़ाया जा सके, क्योंकि यहां कोई आगे नहीं आना चाहता, इसलिए पार्टी ने यहां से चिंटू चौकसे को उतारने का निर्णय लिया है। तीन और चार नंबर में भी अभी तक एक भी महिला नेत्री सामने नहीं है। चार नंबर में मालिनी गौड़ के सामने लड़ाने के लिए कांग्रेस के पास कोई दमदार महिला उम्मीदवार नहीं है। पांच नंबर विधानसभा से शोभा ओझा ने एक बार चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गईं। उनके बाद से किसी महिला ने यहां से चुनाव लडऩे की कोशिश नहीं की। जिले की 9 सीटों में से जरूर सांवेर में रीना बौरासी सेतिया लंबे समय से सक्रिय हैं और दावेदारों में अपने आपको पहले स्थान पर रखे हुए हैं। कहा जा रहा हैकि पार्टी उनके ही नाम पर विचार कर रही हैं और हुआ तो पहली सूची में उनका नाम घोषित भी कर दिया जाएगा। वे प्रेमचंद गुड्डू की बेटी हैं, लेकिन अपने बलबूते पर ही चुनाव लड़ रही हैं।
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