भोपाल। ग्वालियर में रविवार को भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा था। भाजपा के सदस्यता अभियान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित कई नेता थे तो कांग्रेस की ओर से सिंधिया और भाजपा के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभाला। उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि सिंधिया के भाजपा में जाने से कांग्रेस समाप्त नहीं हुई है, बल्कि जीवित हुई है। कार्यकर्ताओं में जान आ गई है। शनिवार को पुलिस व प्रशासन की परवाह किए बगैर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन से पार्टी में उत्साह का संचार हुआ है। 50 साल के सियासी अनुभव से मैं कह सकता हूं कि अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा की चुनौती स्वीकार कर ली है।
दिग्विजय सिंह ने सिंधिया के भाजपा में शामिल होने से पहले और सदस्यता अभियान के भाषणों को सुनाया। उन्होंने कहा कि उन्हें सिंधिया से ऐसी उम्मीद कतई नहीं थी। सिंधिया को पार्टी ने सब कुछ दिया पर अब वे भाजपा नेताओं का गुणगान कर रहे हैं। सिंधिया राहुल व प्रियंका गांधी के निकटतम माने जाते थे। पार्टी छोडऩे के बाद सिंधिया किस तरीके के भाषण दे रहे हैं, उससे लोगों को विश्वास टूटा है।
कांग्रेस के इतिहास पर भाजपा को बोलने का अधिकार नहीं
दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा को मोतीलाल नेहरू व कांग्रेस के इतिहास पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि स्वाधीनता आंदोलन में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है। गौरतलब है कि शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधिया पर गद्दारी का आरोप लगाने को लेकर कहा था कि मोतीलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, इंदिरा गांधी समेत कई नेताओं ने कांग्रेस छोड़ी थी। इसी तरह सिंधिया ने भी सिद्धांतों को लेकर पार्टी छोड़ी है। सिंधिया के कांग्रेस सरकार में दो मुख्यमंत्री होने के आरोप पर दिग्विजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा के चार सीएम मंच पर थे। पांचवें सीएम नरोत्तम मिश्रा हैं। दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि भाजपा हिंदूओं की पार्टी होने का ढोंग करती है। कोरोना संक्रमण काल में गणेशजी के पंडाल लगाने पर रोक है लेकिन भाजपा के पंडाल लग रहे हैं।
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