नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद मुद्दे पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद कांग्रेस के सद्स्यों ने सदन से वॉकआउट किया। दरअसल, राजनाथ सिंह के बयान के बाद कांग्रेस के सदस्यों ने कुछ प्रश्नों के जवाब की मांग की। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन में सहमति बनी है कि जब किसी लोक महत्व के विषय पर मंत्री द्वारा बयान दिया जाएगा तो उस पर कोई प्रश्न नहीं पूछा जाएगा। सवालों के जवाब नहीं दिये जाने पर विरोध जताते हुए कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा, “हमारे नेता अधीर रंजन चौधरी हमारे सैनिकों के साथ एकजुटता का संदेश देना चाहते थे और चीन को कड़ी चेतावनी देना चाहते थे कि वे हमारे धैर्य की परीक्षा न लें। दुर्भाग्य से, सरकार को लगता है कि केवल वे ही सेना के समर्थन में बोल सकते हैं।”
बता दें कि अपने बयान में राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा विवाद एक गंभीर मुद्दा है। इसका शांतिपूर्ण बातचीत से ही हल निकलेगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच इन प्रमुख सिद्धांतों पर सहमति बनी है कि दोनों पक्षों को एलएसी का सम्मान और कड़ाई से उसका पालन करना चाहिए, किसी भी पक्ष को यथास्थिति के उल्लंघन का प्रयास नहीं करना चाहिए और दोनों पक्षों को सभी समझौतों का पालन करना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति के अनुसार चीनी सेना ने एलएसी के अंदर बड़ी संख्या में जवानों और हथियारों को तैनात किया है और क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के अनेक बिंदु हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘हमारी सेना ने भी जवाबी तैनातियां की हैं ताकि देश के सुरक्षा हितों का पूरी तरह ध्यान रखा जाए। हमारे सशस्त्र बल इस चुनौती का डटकर सामना करेंगे। हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है। रक्षामंत्री ने कहा कि चीन की तरफ से 29 और 30 अगस्त की रात को सैनिक कार्रवाई की गई, जो पेंगोंग लेक के साउथ बैंक एरिया में यथास्थिति को बदलने का प्रयास था, लेकिन एक बार फिर हमारी आर्म्स फोर्सेज की तरफ से उनके प्रयास विफल कर दिए गए।
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