भोपाल। प्रचार का शोर समाप्त होने के बाद अब बूथ प्रबंधन सबसे जरुरी हो गया है। बूथ ही उम्मीदवार का भविष्य तय करेगा। प्रदेश का भविष्य तय करने वाली 28 विधानसभा सीटों के लिए अब कांग्रेस बूथ प्रबंधन कर रही है। कांग्रेस ने सभी मतदान केंद्रों में 30-30 कार्यकर्ताओं की टीम तैनात की है। यानी इन 28 सीटों कुल 9361 बूथ पर 2 लाख 80 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं की तैनाती की गई है। इसके अलावा बूथ से लेकर भोपाल तक की संपर्क चेन बनाई गई है। इस चेन में नेताओं को अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
एक बूथ पर 30 कार्यकर्ताओं की तैनाती
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 2018 के चुनाव की तर्ज पर बूथ प्रबंधन की रणनीति तय की है। एक बूथ पर तीस कार्यकर्ताओं को तैनात किया गया है। एक कार्यकर्ता को 30 लोगों को वोट डलवाने का जिम्मा सौंपा गया है। ये कार्यकर्ता एक दिन पहले ही उन 30 लोगों से संपर्क करेगा जो उसके जिम्मे सौंपे गए हैं। एक बूथ के कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी दो से तीन विधायकों को दी गई है। ये विधायक लगातार बूथ की टीम से संपर्क में रहेंगे और वोटिंग के बारे में जानकारी लेंगे। ये विधायक उस विधानसभा के प्रभारी को पल-पल की अपडेट देंगे। विधानसभा प्रभारी कमलनाथ को इस संबंध में अवगत कराएंगे। कांग्रेस की कोशिश ज्यादा से ज्यादा वोटिंग की है। कांग्रेस मानती है कि ज्यादा वोटिंग सरकार के खिलाफ होती है इसलिए लोगों का घर से निकलना जरुरी है। जिस बूथ पर कम वोटिंग होगी वहां के कार्यकर्ताओं और प्रभारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
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