जयपुर । अडानी मसले और मणिपुर में हो रही हिंसा के खिलाफ (Against Adani issue and violence in Manipur) कांग्रेस ने जयपुर में प्रदर्शन किया (Congress demonstrated in Jaipur) । कांग्रेस ने आज शहीद स्मारक से राजभवन तक कूच करते हुए केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों, अडानी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप और मणिपुर में हो रही हिंसा के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया । इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को राजभवन की ओर बढ़ने से रोक दिया, जिसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और धरना स्थल पर धक्का-मुक्की भी हुई। कई कांग्रेस कार्यकर्ता इस संघर्ष के दौरान बेहोश हो गए।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी संसद में अडानी मामले को उठाते हैं, लेकिन उनकी आवाज को सदन में दबा दिया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा और राज्यसभा के सभापति, जो राजस्थान से हैं, को इस तरह के काम नहीं करने चाहिए जिससे उनका सम्मान कम हो। गहलोत ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस किसी उद्योगपति के खिलाफ नहीं है, लेकिन अगर एक ही उद्योगपति को सारा फायदा दिया जाता है, तो सवाल उठना स्वाभाविक है। संसद में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयानों की आलोचना करते हुए गहलोत ने कहा, “कांग्रेस का झंडा ही देश को बचाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी संकट के समय ही अपने असली कार्यकर्ताओं को पहचान पाती है और आज जो कार्यकर्ता यहां आए हैं, वे असली कांग्रेसी हैं।
गहलोत ने आगे कहा कि भाजपा धर्म के आधार पर राजनीति कर रही है, और हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव इसका उदाहरण हैं। उन्होंने कांग्रेस के संगठन को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया, साथ ही राजस्थान में पार्टी द्वारा किए जा रहे अच्छे कामों का भी उल्लेख किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा वाले खतरनाक हैं, वे दादागिरी कर रहे हैं और जनता की परवाह नहीं करते। भाषणों से महंगाई नहीं घटेगी। अब जनता समझ चुकी है कि पिछली और इस सरकार में क्या फर्क है।”
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, “यह सरकार पेपर लीक मामलों में मगरमच्छ पकड़ने की बात करती है, जबकि इनसे चूहें भी नहीं पकड़े जाते। इनसे सवाल पूछा जाए तो जवाब नहीं मिलता।” उन्होंने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि क्या मणिपुर में हिंसा और अडाणी के भ्रष्टाचार पर कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी इस मौके पर केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा, “हम सभी एक हैं और साथ मिलकर लड़ेंगे। हम चार साल बाद राजस्थान में सरकार बनाएंगे।” पायलट ने राजस्थान सरकार में खींचतान का मुद्दा उठाते हुए कहा, “राजस्थान में कोई नहीं जानता कि सरकार कौन चला रहा है, दिल्ली से या यहाँ से।”
धरने में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और अन्य प्रमुख नेता शामिल थे। इस प्रदर्शन ने राज्य की राजनीतिक स्थिति को गरमा दिया है, खासकर जब पार्टी के प्रमुख नेता एकजुट हुए और कांग्रेस के आंतरिक विवादों को लेकर भी सख्त बयान दिए। कांग्रेस के इस धरने का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध जताना था, जिसमें अडाणी के खिलाफ अमेरिका की अदालत में लगे आरोप और मणिपुर में बढ़ती हिंसा प्रमुख मुद्दे रहे। कांग्रेस ने इस प्रदर्शन के माध्यम से जनता तक अपनी बात पहुँचाने का प्रयास किया है।
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