नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को चीन से लगी सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति को लेकर श्वेत पत्र लाने और संसद में भारत-चीन सीमा विवाद पर व्यापक चर्चा की मांग की। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता मनीष तिवारी ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में कहा, 3 साल पहले 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गलवां झड़प के बाद सर्वदलीय बैठक में कहा था कि न तो हमारी सीमा में कोई घुसा है, न ही कोई चौकी दूसरों के कब्जे में है। तिवारी ने कहा, मोदी की टिप्पणी एक दिन पहले विदेश मंत्रालय के जारी बयान के विपरीत थी, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि गलवां की घटना इसलिए हुई क्योंकि चीनी सैनिकों ने घुसपैठ करने और सीमा के भारतीय हिस्से में तंबू लगाने की कोशिश की थी।
अगर सावरकर होते तो देश का बंटवारा नहीं होता। देश की सुरक्षा के लिए सावरकर के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। ये बातें राष्ट्रीय पुस्तकालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम ‘वीर सावरकर द फादर ऑफ इंडियन नेशनल सिक्युरिटी’ में प्रसिद्ध इतिहासकार और देश के मुख्य सूचना आयुक्त उदय माहूरकर ने बतौर मुख्य अतिथि कहीं। लोगों की मांग पर माहुरकर एवं चिरायु पंडित की लिखी पुस्तक ‘वीर सावरकर-द मैन हू कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन’ भी लोगों से साझा की गई। उन्होंने कहा कि लोगों में राष्ट्रीयता की भावना भरने में सावरकर का योगदान अतुलनीय है।
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