खंडवा। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के खंडवा (Khandwa) में बुधवार को नगर निगम (Municipal council) में बुलाई गई साधारण सभा (General Assembly) के दौरान कांग्रेस पार्षदों (Congress councilors) का अनोखा विरोध देखने को मिला। बैलगाड़ी (Bullock cart) पर बैठकर शहर का चक्कर लगाते हुए कांग्रेसी पार्षद यहां हाथों में तख्तियां लिए, नारेबाजी करते हुए साधारण सभा में शामिल होने नगर निगम पहुंचे थे। जिसके बाद निगम के नेता प्रतिपक्ष दीपक राठौड़ ने निगम के गेट पर ही अपने बैल भी बांध दिए। सभा हाल में भी बजट पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ।
ये सभी पार्षद निगम में हो रहे भ्रष्टाचार और साधारण सभा देर से बुलाये जाने को लेकर नाराज दिखे। निगम में नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि खंडवा को शहर से गांव बना दिया गया है, यहां विकास के कार्य नहीं किये जा रहे हैं। हंगामा कर रहे पार्षदों का आरोप था कि उनके वार्डो में विकास के कोई भी कार्य नहीं किया जा रहे हैं, तो वहीं निगम में भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने आरोप भी लगाया कि उनके साथ ही साथ सत्ता पक्ष के पार्षदों और एमआईसी मेंबरों की भी निगम में कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
निगम गेट पर बांधे बैल
शहर का चक्कर लगाकर बैलगाड़ी से नगर निगम पहुंचे पार्षदों ने निगम पहुंचकर अपने बैल नगर निगम के गेट पर ही बांध दिए। उनका विरोध था कि पूरे शहर में आवारा मवेशी घूम रहे हैं, जिन पर निगम का कोई भी शिकंजा नहीं है। यही नहीं बल्कि आये दिन इन आवारा मवेशियों के टकराने से दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। इसके विरोध में नगर निगम के कर्मचारियों को जगाने के लिए उन्होंने यह बैल निगम के गेट पर आकर बांध दिए हैं।
खंडवा को शहर से बना दिया गांव
बैलगाड़ी से पहुंचे नेता प्रतिपक्ष दीपक राठौड़ ने आरोप लगाया कि शहर की स्थिति 1990 से आज तक ज्योँं की त्यों है। जिस वजह से वे शहर वासियों को शहर की वास्तविक स्थिति बताना चाहते थे। जिले में सांसद विधायक और एमआईसी भी सत्ता पक्ष बीजेपी की हैं। उसके बावजूद भी शहर में कोई भी विकास कार्य नहीं होने से खण्डवा शहर से गांव बनता जा रहा है। यहां निगम में पैसों की बंदरबाट हो रही है।
4 माह लेट बुलाया बजट सत्र
निगम के नेता प्रतिपक्ष दीपक राठौड़ ने आरोप लगाया कि सामान्यतः किसी भी प्रकार का बजट एक अप्रैल से शुरू होता है। जबकि निगम ने बजट पर चर्चा करने के लिए चार माह लेट बजट सत्र बुलाया है। जो कि नगर निगम एक्ट की धाराओं के अनुसार इल्लीगल है। इन चार माह में निगम ने जिन बिलों को पास किया है उनकी भी जांच होना चाहिए, क्योंकि बिलों में भ्रष्टाचार करने के लिए ही बजट पर की जाने वाली चर्चा को चार माह तक लेट किया गया है।
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