नई दिल्ली (New Delhi) । छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सत्ता बरकरार रखने के लिए हारे हुए उम्मीदवारों (candidates) पर दोबारा दांव नहीं लगाएगी। पार्टी वर्ष 2018 के चुनाव में हारने वाले उम्मीदवारों को दोबारा टिकट नहीं देगी। इसके साथ पार्टी कई मौजूदा विधायकों (MLA) के भी टिकट काट सकती है। ऐसे में पार्टी करीब तीन दर्जन सीट पर नए चेहरे, युवा और महिला उम्मीदवारों को मौका दे सकती है।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 90 में 68 सीट पर जीत दर्ज की थी। पार्टी के नेता ने कहा कि वर्ष 2018 में लहर के बावजूद हारने वाले उम्मीदवारों को दोबारा टिकट नहीं दिया जाएगा। इसके साथ करीब एक दर्जन विधायकों के खिलाफ लोगों में नाराजगी है। पार्टी की तरफ से कराए गए सर्वे के मुताबिक यह विधायक चुनाव हार सकते हैं।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मौजूदा विधायकों के खिलाफ सबसे ज्यादा नाराजगी सरगुजा संभाग में हैं। वर्ष 2018 में पार्टी ने सरगुजा संभाग की सभी 18 सीट पर जीत दर्ज की थी। इनमें पांच सीट सामान्य और नौ सीट आरक्षित श्रेणी में आती है। पर इस बार स्थितियां बदली है। कई आदिवासी विधायकों के खिलाफ मतदाताओं में नाराजगी है।
प्रदेश सरकार में उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव भी मानते हैं कि पार्टी के अंदरुनी सर्वे में कई विधायकों के खिलाफ नाराजगी की बात सामने आई है। सिंहदेव खुद इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह कहते हैं कि लोग सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं, पर विधायकों की बात अलग है। कई मौजूदा विधायकों के खिलाफ लोगों में काफी नाराजगी है।
छत्तीसगढ़ चुनाव में उम्मीदवारों के चयन के लिए स्क्रीनिंग समिति की कई बैठक हो चुकी हैं। समिति ने 35 सीट पर एक नाम का पैनल तैयार किया है। यह सभी मौजूदा विधायक हैं। प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पार्टी चुनाव तिथियों के ऐलान के साथ उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी। विधानसभा तिथियों का घोषणा अलगे सप्ताह होने की संभावना है।
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