नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने अपने संविधान में बदलाव करते हुए पार्टी की कार्य समिति (CWC) के स्थायी सदस्यों की संख्या को बढ़ाकर 35 कर दिया है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहे पार्टी के 85वें अधिवेशन में यह फैसला लिया गया. पहले स्थायी सदस्यों की संख्या 25 थी. इसके अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को संगठन के सभी पदों पर 50 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है.
पार्टी के 85वें महाधिवेशन में 85 छोटे-बड़े संशोधनों को मंजूरी दी गई. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने इन संशोधनों के बारे में जानकारी दी और फिर संशोधनों को मंजूरी दी गई. पार्टी ने संविधान में संशोधन के माध्यम से फैसला किया है कि अब सीडब्ल्यूसी में 25 के स्थान पर 35 स्थायी सदस्य होंगे और कांग्रेस से जुड़े प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष स्वत: इसके सदस्य होंगे.
कांग्रेस की ओर से किए गए अन्य संशोधनों के मुताबिक, अब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अपिव, अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को संगठन में सभी पदों पर 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. संशोधन के मुताबिक संगठन के आरक्षित और गैर आरक्षित पदों में से 50 प्रतिशत अलग आरक्षण महिलाओं और युवाओं के लिए होगा.
कांग्रेस ने यह फैसला किया है कि अब सिर्फ डिजिटल सदस्यता होगी और डिजिटल रिकॉर्ड होगा. सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी को संगठित करने के लिए बूथ कमेटी, पंचायत कांग्रेस कमेटी, शहरों में वार्ड कमेटी और इंटरमीडिएट कमेटी (मंडल कमेटी) भी होगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सदस्यता आवेदन पत्र में ट्रांसजेंडर के लिए अलग से कॉलम होगा तथा सदस्यों के पिता के साथ माता और पत्नी/पति का भी नाम होगा.
कांग्रेस के संविधान में किए गए संशोधनों के मुताबिक अब छह (पीसीसी प्रदेश कांग्रेस कमेटी) डेलीगेट पर एक एआईसीसी सदस्य होगा तथा कुल निर्वाचित एआईसीसी सदस्यों में 25 प्रतिशत सहयोजित (कॉ-ऑप्टेड) सदस्य होंगे. पहले आठ पीसीसी डेलीगेट पर एक एआईसीसी सदस्य बनाया जाता था और कुल निर्वाचित सदस्यों में से 15 प्रतिशत सहयोजित सदस्य होते थे.
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