बिंदु तय करेंगे नेता प्रतिपक्ष गोविंदसिंह, अंतिम मुहर कमलनाथ की
101 घोटालों पर बुकलेट भी जारी करेगी
भोपाल, हितेश कुमार शर्मा। विधानसभा चुनाव (assembly elections) से एक साल पहले कांग्रेस सदन से लेकर सडक़ तक बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रही है। एक तरफ राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्यप्रदेश में है तो वहीं कांग्रेस सदन में भी सरकार की परेशानी बढ़ाने की तैयारी में लग गई है। 19 दिसंबर से 23 दिसंबर तक प्रस्तावित सत्र में कांग्रेस आरोप पत्र के साथ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है, जिसके बिंदु तय करने के लिए नेता प्रतिपक्ष गोविंदसिंह और विधायक पारस सकलेचा को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कांग्रेस राज्य सरकार के खिलाफ 101 घोटालों की बुकलेट भी जारी करने वाली है, जिसे जनता के बीच भेजने की योजना है, ताकि सरकार के खिलाफ चुनाव से पहले माहौल तैयार किया जा सके।
सत्र के दिन बढ़ाने की मांग करेगी कांग्रेसी
कांग्रेस ने 5 दिन के सत्र को छोटा बताते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सत्र बढ़ाने की मांग करेंगे, ताकि जनता से जुड़े ज्यादा से ज्यादा मुद्दे सदन के पटल पर रखे जा सके। इसी दौरान कांग्रेस सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की तैयारी में लगी है। 5 दिसंबर को कांग्रेस की विधायक दल की बैठक होना है। इसमें अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आगे की चर्चा होगी। इस अविश्वास प्रस्ताव को तैयार करने की जिम्मेदारी कांग्रेस ने नेता विपक्ष डॉ. गोविंद सिंह और पूर्व विधायक पारस सकलेचा को सौंपी है। पारस सकलेचा को कांग्रेस ने ढाई साल की सरकार के 101 भ्रष्टाचार की बुकलेट बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। जब यह बुकलेट छप जाएगी तो कांग्रेस इसे जिलों में बंटवा कर जनता के बीच सरकार की पोल उजागर करेगी। कांग्रेस का कहना है कि सरकार पर कई गंभीर आरोप है, उन पर चर्चा न हो, इसलिए सत्र छोटा रखती है। इस अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस जिन मुद्दों को रखने जा रही है, उनमें प्रमुख रूप से प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (कर्मचारी चयन मंडल) की शिक्षक और पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी, कारम बांध घोटाला, सडक़ परियोजना में अनियमित्ता, ई-टेंडर घोटाला, जिसमें हाल ही में सभी आरोपी बरी हो गए, किसानों ऋण माफी, किसानों को अपात्र रखने, राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा न होने, ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ न दिला पाने, अन्य खाली पदों पर भर्तियां न करने, लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू को भ्रष्टाचार के आरोपी अफसरों के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति न देने, पूरक पोषण आहार, और मध्यांह भोजन में गड़बड़ी, राशन वितरण में गड़बड़ी, शुद्ध के लिए युद्ध को समाप्त करने, आयुष्मान घोटाला, नर्सिंग घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला समेत कई अन्य बड़े मुद्दे शामिल हैं। कांग्रेस इसके बाद जिला स्तर पर पर्चे बांटने और प्रेसवार्ता कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जैसी योजनाओं पर भी तेजी से काम कर रही है। कांग्रेस राज्य सरकार के घोटालों की चेन शुरू करेगी और जनता के समाने लाएगी और रोजाना एक घोटाले का इतिहास बताकर सरकार पर हमला बोलेगी, साथ ही सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए कांग्रेस की तैयारी भरपूर है, तो वहीं सदन में भ्रष्टाचार पर सवाल लगाने और कुछ मुद्दों पर पिटिशन लगाने तक की तैयारी भी कांग्रेस ने कर रखी है। अगर इस बार सत्र का समय नहीं बढ़ता है तो 5 दिसंबर को होने वाली कांग्रेस की बैठक में ये भी तय किया जाएगी कि अविश्वास प्रस्ताव शीतकालीन सत्र में लाएं या फिर बजट सत्र में।
‘हमारी पूरी तैयारी है। सत्र का समय बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है। सरकार के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। इसमें सरकार के कई भ्रष्टाचार के बारे में जनता को बताएंगे।’
डॉ. गोविंदसिंह (नेता विपक्ष, मप्र विधानसभा)
‘आरोप पत्र बनकर तैयार है। इसमें सभी विभागों के 180 घोटालों में से 101 घोटालों को प्रमुखता से उठाएंगे, साथ ही बीजेपी सरकार के जनविरोधी कार्यों का भी जिक्र करेंगे। इस बुकलेट और पर्चे को हर जिले में घर-घर पहुंचाया जाएगा। साथ ही प्रेस और सोशल मीडिया के माध्यम से भी जनता के सामने रखेंगे। 5 दिसंबर को कमलनाथजी के साथ बैठक में आगे की रणनीति तय होगी।’
पारस सकलेचा (पूर्व विधायक)
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