भोपाल। कांग्रेस नेता राहुल गाँधी (Congress leader Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (India Jodo Yatra) मध्यप्रदेश से अब राजस्थान की तरफ रवाना हो गई है। यात्रा से फु्र्सत मिलने के बाद प्रदेश के दिग्गज नेता लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने में जुट गए हैं। फिलहाल कांग्रेस की ओर से गुरुवार को केंद्रीय चुनाव समिति की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि इस बैठक के बाद कांग्रेस की बहुप्रतीक्षित सूची जारी हो जाएगी। इस बैठक में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़वाने का फैसला हो सकता है। कांग्रेस की चुनाव समिति अगर इसकी मंजूरी देती है, तो दिग्विजय सिंह के साथ-साथ कमलनाथ, नकुलनाथ, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव, बाला बच्चन, सज्जन सिंह वर्मा, फूल सिंह बरैया, तरुण भनोत जैसे बड़े चेहरे लोकसभा चुनाव लड़ते नजर आएंगे।
गुरुवार को होने वाली कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में मध्यप्रदेश से तीन नेता शामिल होंगे। इसमें स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल के साथ प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह, मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और सीईसी के सदस्य ओंकार सिंह मरकाम शामिल होंगे। इस बैठक में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, लक्षद्वीप, दिल्ली, राजस्थान और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों के उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा होगी। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सीईसी की बैठक के बाद मध्यप्रदेश की 10 से 15 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान किया जा सकता है। पहली सूची में छिंदवाड़ा, बैतूल, राजगढ़, बालाघाट, झाबुआ, गुना, धार, देवास, सीधी लोकसभा सीट पर नाम घोषित किए जा सकते हैं। आचार संहिता लगने से पहले ही कांग्रेस की सूची आ सकती है। ऐसी उम्मीद है कि 8 या 9 मार्च को कांग्रेस की पहली सूची आ जाएगी।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में पूर्व सीएम भूपेश बघेल, पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव समेत छत्तीसगढ़ सरकार के कई पूर्व मंत्रियों को लोकसभा चुनावों में उतारने को लेकर सहमति बन गई है। सीईसी की बैठक में इन नेताओं के नाम का एलान हो जाएगा। छत्तीसगढ़ की तरह मध्यप्रदेश के दिग्गज नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस नेतृत्व निर्देश दे सकता है। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल कह चुकी हैं कि हमारी ये इच्छा है कि सभी वरिष्ठ नेता लोकसभा का चुनाव लड़ें। कांग्रेस में अगर एमपी के दिग्गज नेताओं के लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर सहमति बन जाती है, तो पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह राजगढ़ संसदीय सीट से लोकसभा के उम्मीदवार हो सकते हैं। इस सीट पर दिग्विजय सिंह का दबदबा है। हालांकि बीते दो चुनाव से भाजपा इस सीट पर चुनाव जीत रही है। राघौगढ़ सीट भी इसी संसदीय क्षेत्र में आती है। यहां से दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह विधायक हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा से नकुलनाथ का नाम लगभग तय है। नकुलनाथ पिछला चुनाव भी जीत चुके हैं। जबकि कमलनाथ कह चुके हैं कि छिंदवाड़ा में नकुलनाथ ही चुनाव लड़ेंगे। पार्टी के भीतर कमलनाथ को भी उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है। कमलनाथ छिंदवाड़ा से लगी हुई सीट बालाघाट से प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं। हालांकि इस पर अंतिम फैसला कमलनाथ की सहमति और केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी के बाद ही होगा।
देवास से पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। वर्मा पहले भी इस सीट से सांसद रह चुके हैं। जबकि उज्जैन सीट से विधायक महेश परमार, पूर्व विधायक रामलाल मालवीय को उतारा जा सकता है। सतना में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। अजय सिंह पिछला लोकसभा चुनाव सीधी से हार गए थे। सीधी में कमलेश्वर पटेल, खंडवा में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को टिकट दिया जा सकता है। यादव पहले इस सीट से सांसद रह चुके हैं। जबकि रतलाम से कांतिलाल भूरिया को फिर उम्मीदवार बनाया जा सकता है। भूरिया पिछला लोकसभा चुनाव इसी सीट से हार चुके हैं। जबलपुर सीट से पूर्व मंत्री तरुण भनोत, खरगोन सीट से विधायक झूमा सोलंकी, बाला बच्चन को चुनाव लड़ाया जा सकता है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह मुरैना से लड़ने की इच्छा जता चुके हैं। लेकिन भाजपा की तरफ से ठाकुर उम्मीदवार घोषित होने के बाद कांग्रेस इसी सीट से अब किसी अन्य उम्मीदवार को टिकट देने के बारे में विचार कर रही है।
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