नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने शनिवार को आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Former Prime Minister Manmohan Singh) का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट (Nigambodh Ghat) पर करवाकर केंद्र सरकार (Central government) ने “भारत माता के महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री” का सरासर अपमान किया है। अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष (Bharatiya Janata Party (BJP) President) जेपी नड्डा (JP Nadda) ने कांग्रेस पर पलटवार किया और उस पर मनमोहन सिंह के निधन को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया। नड्डा ने कहा कि इस घटिया सोच के लिए कांग्रेस की जितनी भी निंदा की जाए, कम है।
दरअसल कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने यह भी कहा कि सरकार को देश के महान पुत्र और उनकी गौरवशाली कौम के प्रति आदर दिखाना चाहिए था। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कि यह कांग्रेस और राहुल गांधी की घटिया राजनीति का उदाहरण है कि वह एक पूर्व प्रधानमंत्री के निधन को भी एक मौके की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।
मीडिया से बात करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस एक प्रधानमंत्री के निधन पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है। इन लोगों ने जीते जी कभी मनमोहन सिंह को सम्मान नहीं दिया। हमेशा उनका अपमान किया और आज अपनी राजनीति चमकाने के लिए यह उनके सम्मान की बात कर रहे हैं। इन्हें इसके लिए शर्म आनी चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह वही कांग्रेस है, जिसने प्रधानमंत्री रहते हुए भी मनमोहन सिंह के ऊपर सुपर पीएम बनाकर सोनिया गांधी को रखा और पीएम पद की गरिमा को धूमिल किया। यही नहीं आज जो राहुल गांधी उनके सम्मान के लिए बात कर रहे हैं उन्होंने ही पूरे देश के सामने मनमोहन सिंह की कैबिनेट द्वारा पारित एक विधेयक को फाड़ दिया था। गांधी परिवार ने न तो अपने परिवार के अलावा किसी बड़े नेता का सम्मान किया और न ही उनके साथ न्याय किया।
नड्डा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की समाधि के लिए जगह दी है। सरकार ने उनके परिवार और कांग्रेस पार्टी को भी इसके बारे में सूचना दी थी। फिर भी कांग्रेस झूठी खबरें फैला रही है। कांग्रेस को अपने इतिहास को याद रखने की जरूरत है। देश भूला नहीं है कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की मृत्यु के बाद दिल्ली के राजघाट परिसर में समाधि स्थल बनाने की मांग उठी थी। लेकिन उस समय सोनिया गांधी ने इसे खारिज कर दिया था…वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही थे जिन्होंने 2015 में उनके लिए एक स्मारक की स्थापना की थी।
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