भोपाल: कांग्रेस (Congress) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और राजस्थान (Rajasthan) में चुनाव पर्यवेक्षक नियुक्त (appointed election observers) किए हैं. राजस्थान की जिम्मेदारी मधुसूदन मिस्त्री (Madhusudan Mistry) को दी गई है, जबकि मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) को दी गई है. कांग्रेस ने इन दोनों राज्यों में चुनाव को देखते हुए ये फैसला लिया है. इस साल के अंत तक दोनों राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की, जो संबंधित राज्यों में चुनाव तैयारियों की निगरानी करेंगे.
पार्टी के वरिष्ठ नेता मिस्त्री को राजस्थान के लिए वरिष्ठ चुनाव पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है और महासचिव सुरजेवाला को बतौर वरिष्ठ पर्यवेक्षक मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है. उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह को छत्तीसगढ़ और पूर्व केंद्रीय मंत्री दीपा दासमुंशी को तेलंगाना के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया है.
इसके साथ ही, शशिकांत सेंथिल को राजस्थान, चंद्रकांत हंडोरे को मध्य प्रदेश, मीनाक्षी नटराजन को छत्तीसगढ़, सिरिवेल्ला प्रसाद को तेलंगाना और सचिन राव को मिजोरम के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया है. इन पांचों राज्यों में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्तारूढ़ है, तो शेष तीन राज्यों में विपक्ष में है. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा: आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री को राजस्थान, रणदीप सिंह सुरजेवाला को मध्य प्रदेश, प्रीतम सिंह को छत्तीसगढ़ और दीपा दासमुंशी को तेलंगाना के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है.
बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है. यहां कांग्रेस फिर से सत्ता में वापसी करना चाहती है. राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच चली सियासी रस्साकसी फिलहाल थमी हुई है. कांग्रेस यहाँ पूरी ताकत से चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है. वहीं, मध्य प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. कमल नाथ सीएम बने थे, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद विधायकों ने भी दल बदल बीजेपी ज्वाइन कर ली. इससे कांग्रेस की सरकार गिर गई थी. मध्य प्रदेश में कांग्रेस का मानना है कि वह बड़ी जीत दर्ज कर एक बार फिर से बहुमत हासिल करेगी और सरकार बनाएगी.
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