भोपाल। कांग्रेस नेतृत्व को अंदेशा है कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान चुनाव के बाद कभी भी लोकसभा के चुनाव हो सकते हैं। मोदी सरकार समय से पहले लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगी है, ऐसा कांग्रेस के प्रमुख नेताओं का मानना है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव के लिए आब्जर्वर नियुक्त करने के साथ ही सभी लोकसभा सीटों के लिए आब्जर्वर अभी से नियुक्त कर दिए हैं। राज्य की 29 लोकसभा सीटों के लिए आब्जर्वर के नाम घोषित कर दिए गए हैं।
इस संबंध में भाजपा नेताओं का भी मानना है कि मोदी सरकार की तैयारियां बहुत कुछ संदेश दे रही हैं। इसलिए हमारी बैठकों में विधानसभा चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव के संबंध में विचार विमर्श किया जा रहा है। हमारी भी तैयारी उसी प्रकार चल रही है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि मोदी सरकार ने पूरे देश में कमोबेश हर राज्य में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट की आधारशिला रख रही है या लोकार्पण कर रही है।
मोदी-शाह के दौरों ने बढ़ाई संभावना
कांग्रेस का कहना है कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यों में सक्रियता बढ़ाई है उससे लोकसभा चुनाव के समय से पूर्व कराए जाने की संभावना बढ़ गई है। उनके दौरे में जिस तरह की बातें हो रही हैं, उनमें बूथ लेवल से लेकर लोकसभा सीटों की तैयारियों को देखा जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि वे 2023 के चुनाव के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए आधार तैयार कर रहे हैं। यही वजह है कि हर राज्य में कांग्रेस ने भी उसी स्तर पर अपनी तैयारियों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। जबकि लोकसभा चुनाव के लिए मई-जून नियत तिथि है।
29 लोकसभा सीटों के लिए भी ऑब्जर्वर नियुक्त
संभावनाओं को देखते हुए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने मप्र में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ ही अगले साल (2024) में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां भी तेज कर दी है। इसी के तहत कांग्रेस ने मप्र की सभी 29 लोकसभा सीटों पर ऑब्जर्वर नियुक्त कर दिए हैं। कांग्रेस ने एमपी में विधानसभा चुनाव के लिए राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला को सीनियर ऑब्जर्वर बनाया है। जबकि महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता चंद्रकांत दामोदर हंडोरे को ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। भोपाल लोकसभा सीट के लिए असम के कांग्रेस विधायक रकीबुद्दीन अहमद को ऑब्जर्वर बनाया गया है। वे उज्जैन की कांग्रेस नेता नूरी खान के पति हैं। उत्तराखंड के हल्द्वानी के रहने वाले कांग्रेस नेता प्रकाश जोशी को ग्वालियर लोकसभा सीट का ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है। प्रकाश जोशी दो बार (2012 और 2017) में कालाढूंगी विधानसभा सीट से चुनाव हार चुके हैं। वे एआईसीसी के सचिव भी रह चुके हैं। उन पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेन्द्र सिंह तोमर के इलाके की ग्वालियर लोकसभा सीट को जिताने की जिम्मेदारी है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके डॉ. अनीस अहमद को पीसीसी चीफ कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा लोकसभा सीट का पर्यवेक्षक बनाया गया है। अनीस अहमद नागपुर सेंट्रल सीट से 2014 में चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। महाराष्ट्र के पुणे शहर के रहने वाले महेश जोशी को एआईसीसी ने इंदौर लोकसभा सीट का ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। वे महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। 2002 में विश्व हिन्दु परिषद की बैठक में घुसकर उन्होंने विहिप नेता प्रवीण तोगडिया के मुंह पर कालिख पोत दी थी। वे महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। 1999 और 2019 में वे पुणे से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव हार चुके हैं।
इनकी की हुई नियुक्ति
पर्यवेक्षक की नियुक्ति इस प्रकार से की गई है। इसमें रकीबउद्दीन अहमद भोपाल, वहीं डॉ. नरेश कुमार को बालाघाट, बसंत पुरके को बैतूल, प्रदीप टम्टा को भिंड, देवास, तुषार चौधरी को धार, दिनेश ठाकुर को गुना, प्रकाश जोशी को ग्वालियर, विमल शाह को होशंगाबाद, मोहन जोशी को इंदौर, परेश धनानी को जबलपुर, विरिज भाई ठुम्मर को खजुराहो, पंजाभाई वंश को खंडवा, आनंद चौधरी को खरगोन, नारायण भाई राठवा को मंडला, अलकाबेन क्षत्रिय को मंदसौर, अनिल भारद्वाज को मुरैना, गुलाब सिंह को राजगढ़, प्रभाबेन तावियाद को रतलाम, इंद्रजीत सिंह सिन्हा को रीवा, राजेंद्र ठाकुर को सागर, ललित कागतरा कोसतना, पूना भाई गामित को शहडोल, कुमार आशीष को सीधी, राजेंद्र सिंह परमार को टीकमगढ़, चक्रवर्ती शर्मा को उज्जैन व डॉक्टर राजेश शर्मा को विदिशा लोकसभा सीट का ऑब्जर्वर बनाया गया है।
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