भोपाल। नगर निगम महापौर पद का आरक्षण नियमों, प्रक्रियाओं और पारदर्शिता के साथ हुआ है। छिंदवाड़ा नगर निगम क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। इसलिए स्वाभाविक रूप से वहां महापौर का पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होना चाहिए। लेकिन कांग्रेस ने इस पर आपत्ति प्रकट करके यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अनुसूचित जनजाति के विरोध में खड़े हैं। यह बात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कही। शर्मा ने कहा कि नगर निगमों के आरक्षण के लिए प्रशासन ने निर्धारित सिस्टम का पालन किया है और ये काम पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं। ऐसे में अगर उनके गृह जिले छिंदवाड़ा का नगर निगम अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हुआ है, तो उन्हें इसका स्वागत करना चाहिए था। लेकिन कमलनाथ ने इसका विरोध करके अपनी अनुसूचित जनजाति विरोधी मानसिकता को उजागर कर दिया है। कमलनाथ के इस रवैये से स्पष्ट हो गया है कि उन्हें प्रजातांत्रिक प्रक्रियाओं पर विश्वास नहीं है और वे छिंदवाड़ा को अपनी टेरीटरी बनाकर रखना चाहते हैं। शर्मा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस पार्टी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अनुसूचित जनजाति के विरोध में खड़े दिखाई दे रहे हैं।
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