लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष (BSP National President) मायावती (Mayawati) ने शनिवार को कांग्रेस और भाजपा (Congress and BJP) जातीय गणना (Caste Census), ओबीसी व महिला आरक्षण (OBC and Women’s Reservation) को चुनाव में (In Elections) भुनाने में (Cashing in) लगी हैं (Are Busy), ताकि अपनी विफलताओं पर पर्दा डाल सकें (To Cover up their Failures) ।
मायावती ने शनिवार को एक्स पर लिखा कि अगले विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी कांग्रेस व भाजपा द्वारा किस्म-किस्म के लुभावने वादे किए जाने से चुनावी माहौल प्रभावित हो रहा है, किन्तु प्रश्न यह है कि जो वादे अब किए जा रहे हैं वे पहले समय रहते क्यों नहीं लागू किए गए? इस प्रकार घोषणाओं में गंभीरता कम व छलावा ज्यादा।
उन्होंने कहा कि देश की जनता महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार की मार से त्रस्त है, किन्तु कांग्रेस व भाजपा दोनों जातीय गणना, ओबीसी व महिला आरक्षण को चुनाव में भुनाने मे लगी हैं ताकि अपनी विफलताओं पर पर्दा डाल सकें। लेकिन, जनता इसे छलावा मानकर अब और इनके बहकावे में आने वाली नहीं।
मायावती ने कहा कि ‘जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी हिस्सेदारी’ कांग्रेस का नया चुनावी शिगूफा। क्या आजादी के बाद से कांग्रेस ने कभी भी अपनी पार्टी व सरकार में इस पर अमल करके दिखाया। नहीं, तो फिर इन पर विश्वास कैसे? जबकि, बीएसपी ने पार्टी व अपनी सरकार में इस सामाजिक न्याय को लागू करके दिखाया।
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