भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Legislative Assembly) के शीतकालीन सत्र (winter session) चल रहा है। इसी बची कांग्रेस द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा देखने को मिल रहा है। सड़क से लेकर सदन तक में यह आरोप-प्रत्यारोप सुनने को मिल रहे हैं।
अपको बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Legislative Assembly) के शीतकालीन सत्र कांग्रेस के नेताओं ने शिवराज सरकार पर कई मुद्दों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके मंत्रियों पर भी विपक्ष भ्रष्टाचार करने आरोप लगा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, साल 2021 में सागर से करीब 12 किलोमीटर दूर गांव में हिमाचल सिंह राजपूत और उनके भाई करतार सिंह राजपूत ने करीब 50 एकड़ जमीन खरीदी थी। मगर, साल 2022 में इस जमीन का दान पात्र उन्होंने अपने जीजा मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, बहन सविता सिंह और भांजे आदित्य सिंह राजपूत के नाम लिख दिया।
इसी बीच इस दान की गई जमीन को लेकर पूर्व भाजपा नेता राजकुमार धनोरा ने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यह जमीन मंत्री ने अपने सालों के नाम पर खरीदी थी। फिर बाद में दान पत्र लिखवा लिया गया है। गोविंद सिंह ने एक साल में बच्चों के नाम पर लगभग 75 एकड़ जमीन खरीदी है। आखिर इनके पास इतना पैसा कहां से आया है। इसकी शिकायत उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से की है. दान की गई पूरी जमीन की जांच की जाए।
वहीं दूसरी ओर पूर्व भाजपा नेता राजकुमार धनोरा के आरोप पर राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत कहा कि अगर किसी से ब्लड का रिलेशन होता है और उसके पास जमीन जायदाद है, तो वह दान पत्र लिख सकता है। यह काम कोई चोरी-छिपे नहीं होता है। बाकायदा रजिस्टर्ड होता है। इसके साथ ही कोर्ट भी जाना पड़ता है। हर चीज ऑनलाइन है। आप देख सकते हैं। उनके ससुराल में एक जमाने में 600 से 800 एकड़ तक जमीन हुआ करती थी आज भी उनके पास 400 से 500 एकड़ जमीन है।
जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि सरकार में आने के पहले कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करने वाली शिवराज सरकार पीएससी के चयनित अभ्यर्थी के मामले में मौन है। आयुष के कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। बिजली के कर्मचारी भी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। जीतू पटवारी ने इंवेस्टर समिट को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि जिन 286 उद्योगों को जमीन दी गई, उससे कितने बेरोजगारों को रोजगार मिला।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved