भोपाल। पांच राज्यों (five states) में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव (assembly elections) के बाद राजनीतिक पार्टियां (political parties) एक बार फिर से ईवीएम का राग अलापने लगी है। बुधवार को मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Madhya Pradesh Congress President Kamal Nath) ने दावा किया है कि विपक्षी राजनीतिक दल चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के इस्तेमाल के खिलाफ अभियान शुरू करने के लिए एक साथ आ रही हैं।
कमलनाथ ने कहा कि अमेरिका, जापान, यूरोपीय देश समेत कोई भी विकसीत देश ईवीएम का इस्तेमाल नहीं करते हैं। 2018 के एमपी चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के नेता ने कहा कि इन देशों ने बैलेट पेपर के जरिए वोटिंग फिर से शुरू करने के लिए अपने कानून में संशोधन किया है।
शीर्ष नेतृत्व ने तथ्यों के साथ लड़ने का फैसला किया है
कमलनाथ ने कहा हम भारत में लंबे समय से ईवीएम का दुरुपयोग करके वोटों की चोरी पर सवाल उठा रहे हैं। आठ महीने पहले राजधानी दिल्ली में एक मीटिंग हुई और शीर्ष नेतृत्व ने इसके खिलाफ तथ्यों के साथ लड़ाई लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी, तेदेपा, राकापा और अन्य राजनीतिक दलों ने जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों को चुनौती देने का फैसला किया है जिसकी वजह से ईवीएम की शुरुआत हुई।
2019 में सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई थी याचिका
साल 2019 में टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने ईवीएम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर किया था जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया था। अब एक और और जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है, जो कि अभी लंबित है। कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने ईवीएम से वोटों की चोरी के लिए बीजेपी के खिलाफ मामले को मजबूत करने के लिए रिसर्च पूरा कर लिया है।
‘हमारे पास वोटों की चोरी के पर्याप्त सबूत’
कमलनाथ ने कहा यूपी चुनाव के बाद, हमें ऐसे मामले मिले हैं जो आसानी से वोटों की चोरी को साबित कर देंगे। यूपी के एक कांग्रेस उम्मीदवार को उस बूथ से केवल एक वोट मिला जहां उसकी पत्नी और बच्चे रहते हैं। यह अकेली घटना नहीं है। हमारे पास ऐसे कई उदाहरण हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि एनडीए के सहयोगी दलों को छोड़कर अन्य सभी दल ईवीएम के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ने और बैलेट के जरिए मतदान के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि बैलेट पेपर को फिर से शुरू करने के लिए जल्द ही नई दिल्ली में विपक्ष के राजनीतिक दलों की बैठक होगी।
सभी 21 पक्षों ने दी अपनी सहमति
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि साल 2019 में आवेदन करने वाले सभी 21 पक्षों ने अपनी सहमति दी है और हम मामले को पूरी दृढ़ता से अदालत के सामने पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने 2023 में मध्य प्रदेश सहित चार राज्यों में चुनाव से पहले कानून रूप से इस लड़ाई को जीतने का लक्ष्य रखा है।
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