• img-fluid

    कांग्रेस पंचायत चुनाव निरस्त करवाने पर अड़ी, निर्वाचन आयोग का फैसला- नहीं टलेंगे चुनाव

  • December 18, 2021

    भोपाल। मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव खटाई में पड़ गए हैं। कानूनी अड़चनों की वजह से इन्हें टाला जा सकता है। शिवराज सिंह चौहान सरकार के नए अध्यादेश को लेकर कांग्रेस हमलावर मूड में है। उसने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक मोर्चा खोल रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को प्रदेश की OBC सीटों पर पंचायत चुनावों पर स्टे लगा दिए। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने भी फिलहाल ऐसी सीटों पर चुनाव प्रक्रिया रोक दी है, जिन्हें OBC के लिए आरक्षित किया गया था।

    दरअसल, विवादों की जड़ में शिवराज सिंह चौहान सरकार का वह अध्यादेश है, जिसने कमलनाथ सरकार का फैसला पलटा था। 21 नवंबर को आए इस अध्यादेश के तहत जहां एक साल से चुनाव नहीं हुए हैं, वहां परिसीमन निरस्त हो जाएगा। इन जिला, जनपद और ग्राम पंचायतों में पुरानी ही व्यवस्था रहेगी।

    कमलनाथ सरकार ने सितंबर 2019 में प्रदेश में जिले से ग्राम पंचायतों तक नया परिसीमन लागू किया था। इसके बाद 1,200 नई पंचायतें बनी थीं। 102 ग्राम पंचायतों को समाप्त किया था। 1,950 पंचायतों की सीमा में बदलाव हुए थे। कांग्रेस इसी अध्यादेश के खिलाफ हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक लड़ रहा है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि अध्यादेश से रोटेशन की व्यवस्था खत्म हो गई है और 2014 के आधार पर चुनाव हो रहे हैं। यह पंचायत राज अधिनियम और संविधान के मूल भावना के खिलाफ है।  


    OBC का झंडाबरदार बनी भाजपा
    सुप्रीम कोर्ट में पंचायत चुनावों में OBC आरक्षण को लेकर फैसले के बाद कांग्रेस घिर गई है। ओबीसी महासभा ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियों की खींचतान की वजह से OBC आरक्षण खत्म हो गया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और गुना सांसद कृष्ण पाल सिंह यादव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता विवेक तनखा ने पैरवी की और पंचायत चुनाव में OBC के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। कांग्रेस ने OBC वर्ग के साथ छलावा कर अधिकारों पर कुठाराघात किया है। प्रदेश की जनता इसका जवाब कांग्रेस को पंचायत चुनाव में देगी। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार OBC वर्ग के लिए सदैव समर्पित है।

    21 दिसंबर को हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
    हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले कांग्रेस नेता सैयद जाफर ने कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग बिना OBC आरक्षण के पंचायत चुनाव एवं नगर निगम, नगर पालिका चुनाव नहीं करा सकती। त्रिस्तरीय चुनावों को निरस्त किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर OBC आरक्षण के लिए आयोग का गठन करते हुए ट्रिपल टेस्ट के तहत OBC जनसंख्या के आर्थिक एवं सामाजिक आकलन करें। उसके बाद ही OBC को पंचायत एवं नगर पालिका, नगर निगम चुनावों 27% आरक्षण देना सुनिश्चित करें। अगर प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने बिना OBC आरक्षण पंचायत चुनाव कराए, तो हम उच्च न्यायालय, जबलपुर में 21 दिसंबर 2021 को रोटेशन के आधार पर आरक्षण के साथ-साथ संवैधानिक दायरे में OBC आरक्षण की मांग करेंगे।

    नहीं टलेंगे चुनाव, आयोग की बैठक में फैसला
    राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद OBC के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया निरस्त कर दी है। जल्द ही इन पर फैसला लिया जाना है। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने शनिवार को अफसरों की बैठक बुलाई। इस बैठक में तय किया गया कि आरक्षण और परिसीमन का विषय राज्य सरकार का है। राज्य निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर काम करेगा। यानी इस समय OBC के लिए आरक्षित सीटों पर ही चुनाव प्रक्रिया निरस्त हुई है। इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग एक-दो दिन में इस पर फैसला ले सकता है।

    Share:

    ' एनसीपी के साथ मिलकर शिवसेना से गद्दारी कर रहे हैं अनिल परब', रामदास कदम का बड़ा आरोप

    Sat Dec 18 , 2021
    मुंबई। शिवसेना के वरिष्ठ नेता रामदास कदम ने शनिवार को पार्टी के नेता अनिल परब और उदय सामंत पर एनसीपी के साथ मिलकर पार्टी को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। 2014 और 2019 के बीच देवेंद्र फडणवीस […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    मंगलवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved