इंदौर। 9 मार्च को लोक अदालत का आयोजन होना है, लेकिन नगर निगम का पोर्टल इस बार भी धोखा दे रहा है। सम्पत्ति कर के कई बड़े बकायादारों के खातों में सिर्फ दो साल की रकम बकाया बताई जा रही है, जबकि कई खातों में वर्षों से राशि बकाया है, वहीं जल कर जमा करने का पोर्टल चालू है। लोक अदालत के पहले सम्पत्ति कर का पोर्टल भी पूरी तरह चालू करने की बात कही गई है। लोक अदालत में मिलने वाली अलग अलग छूट के चलते कई बड़े और छोटे करदाता सम्पत्ति कर और बकाया राशि जमा करने झोनलों से लेकर निगम मुख्यालय पहुंचते हैं।
इन दिनों निगम की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल है और इसी के चलते लोक अदालत से काफी पैसा मिलने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन पोर्टल ने फिर धोखा दे दिया है। पिछले 6 माह से पोर्टल की बार-बार गड़बड़ी के कारण तमाम कार्य प्रभावित हो रहे हैं। राजस्व विभाग के अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा के मुताबिक सम्पत्ति कर खातों का पोर्टल शुरू तो हुआ है, लेकिन उसमें एक बड़ी दिक्कत यह आ रही है कि सिर्फ दो साल की ही राशि खातों में बकाया बताई जा रही है, जबकि कई सम्पत्ति करदाता ऐसे हैं, जिन पर 10 से 15 साल से सम्पत्ति कर बकाया है। ऐसे में लोक अदालत के दौरान कई दिक्कतें आएंगी। इसी के चलते पोर्टल के मामले को लेकर भोपाल के अधिकारियों से चर्चा की गई थी और उन्होंने दो, चार दिन में इस दिक्कत को दूर करने की बात कही है। दूसरी ओर जल कर का पोर्टल सही ढंग से काम कर रहा है और उसमें कई बकायादारों की राशि जमा भी हो रही है। लोक अदालत लेकर अब असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि अगर सम्पत्ति कर की बकाया राशि जमा करने लोग पहुंचेंगे तो उन्हें बकाया राशि की जानकारी पूरी तरह नहीं मिलेगी।
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