नई दिल्ली: अग्निपथ योजना को लेकर कई तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं और आशंकाए जताई जा रही हैं. इसको लेकर सैन्य बलों में भर्ती को लेकर तैयारी कर रहे कुछ छात्रों ने प्रदर्शन भी किया. सरकार ने उन आशंकाओं को दूर करते हुए कहा है कि सैन्य बलों में भर्ती होने वाले अग्निवीरों का भविष्य पूरी तरह सुरक्षित रहेगा. अब जो भ्रम फैलाया फैलाया जा रहा है, उसको दूर करने के लिए सरकार ने तथ्य सामने रखा है.
तथ्य- पिछले दो वर्षों से पूर्व सैन्य अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की गई. यह प्रस्ताव मिलिट्री ऑफिसर विभाग में मिलिट्री ऑफिसरों द्वारा तैयार किया गया. यह विभाग सरकार ने ही गठित किया है. कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने इस योजना को स्वीकार किया है तथा सराहा है. यानी अग्निपथ योजना और अग्निवीरों को लेकर जो आशंकाए हैं, वो बेबुनियाद हैं. सेना को सियासत से भी दूर रखना चाहिए.
यह भारतीय सेना के मूल्यों तथा आदर्शों का अपमान है. 4 साल वर्दी पहनने वाले युवा जिंदगी भर देश के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे. आज भी सेना से रिटायर हुए हजारों लोग हैं जिनके पास तमाम कुशलताएं हैं लेकिन वे देश विरोधी ताकतों से नहीं जुड़े. रेजीमेंट व्यवस्था में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा रहा है. बल्कि, यह और मजबूत होगा क्योंकि सबसे उत्कृष्ट अग्निवीरों का चयन होगा और इससे यूनिट के अंदरूनी तालमेल को और मजबूती ही मिलेगी.
अधिकांश देशों में इस तरह की कम अवधि वाली सेवाओं की व्यवस्था है. यानी इसका पहले ही परीक्षण हो चुका है और युवा तथा तेजतर्रार सेना के लिए सबसे अच्छी व्यवस्था मानी जाती है. पहले वर्ष भर्ती अग्निवीरों की संख्या आर्म्ड फोर्सेज की केवल 3 प्रतिशत होगी. इसके अलावा, 4 साल बाद सेना में दोबारा भर्ती से पहले अग्निवीरों के प्रदर्शन की जांच की जाएगी. इस तरह, सेना को सुपरवाइजरी रैंक के लिए जांचे और परखे लोग मिलेंगे.
जो उद्यमी (Entrepreneur) बनना चाहते हैं, उनके लिए वित्तीय पैकेज और बैंक से कर्ज की योजना है. जो आगे पढ़ना चाहते हैं, उन्हें 12वीं कक्षा के बराबर सर्टिफिकेट दिया जाएगा और आगे की पढ़ाई के लिए ब्रिजिंग कोर्स होगा. जो नौकरी करना चाहते हैं, उन्हें CAPF यानी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों तथा राज्य पुलिस में भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. अन्य क्षेत्रों में भी उनके नौकरियों के कई अवसर खोले जा रहे हैं.
इसके उलट युवाओं के लिए सेना में नौकरी के अवसरों में बढ़ोतरी होगी. आने वाले वर्षों में, सेना में अग्निवीरों की भर्ती मौजूदा स्तर के तीन गुना ज्यादा हो जाएगी. दुनियाभर में सेनाएं युवाओं पर निर्भर हैं. किसी भी समय अनुभवी लोगों की संख्या में युवा अधिक नहीं होंगे. मौजूदा योजना दीर्घ काल में युवाओं तथा अनुभवियों के 50-50 प्रतिशत का मिश्रण लाएगी.
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