भोपाल। विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव से होगी। भाजपा ने तय किया है कि वो यह दोनों पद अपने पास रखेगी। पहले उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की परंपरा रही है, लेकिन पिछली बार कांग्रेस ने यह परंपरा तोड़ दी थी।
सूत्रों के मुताबिक इन दोनों पदों पर मंत्री पद नहीं मिलने से असंतुष्ट नेताओं को बैठाया जा सकता है। स्पीकर का पद विंध्य को देने का फॉर्मूला भी सामने आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वहां के कुछ नेता इसकी जगह मंत्री और निगम-मंडल में अध्यक्ष की मांग कर रहे हैं। एक पूर्व मंत्री ने इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा की है। हालांकि, 33 मंत्री बन जाने के कारण फिलहाल ये मामला टलता नजर आ रहा है। एक दो दिनों में संगठन तय कर लेगा कि इन पदों पर किसे बैठाया जाए। विधानसभा के आगामी सत्र हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है। ऐसे में भाजपा विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर किसी ऐसे विधायक को बैठा सकती है, जो मुश्किल परिस्थितियों में दृढ़ता से निर्णय ले सके। ऐसे में विधायकों की वरिष्ठता को भी दरकिनार किया जा सकता है।
साधेंगे जातीय समीकरण
सूत्रों के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष में से एक पद सवर्ण वर्ग को देने की तैयारी है। मंत्रिमंडल में ब्राह्मण चेहरों को दावेदारी के बावजूद दरकिनार कर दिए जाने से यहां एडजस्ट करने की तैयारी है। उधर, डिप्टी स्पीकर पर अनुसूचित जाति या जनजाति वर्ग के किसी विधायक को बैठाया जा सकता है। सत्र के दूसरे दिन इन दोंनों पदों के चुनाव होने की संभावना है।
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