नई दिल्ली (New Dehli)। म्यूचुअल फंड उद्योग (mutual fund industry)ने वर्ष 2023 में पर्याप्त तेजी देखी और इसका परिसंपत्ति आधार (Asset Base) लगभग 11 लाख करोड़ रुपये यानी 27 प्रतिशत बढ़कर 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अनुसार 31 दिसंबर तक म्यूचुअल फंड कंपनियों का एसेट अंडर मैनेजमेंट पहली बार 50.78 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। आंकड़ों के मुताबिक ऋण वाले फंड्स से 75 हजार करोड़ से ज्यादा की निकासी हुई।
क्यों बढ़ रहा आकर्षण
इस विस्तार के पीछे शेयर बाजार में तेजी के दौर, स्थिर ब्याज दरों और एक मजबूत आर्थिक वृद्धि की अहम भूमिका रही है। इस वर्ष उद्योग में वृद्धि को इक्विटी योजनाओं, खासकर व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) के जरिये निवेश से समर्थन मिला। उद्योग विशेषज्ञों ने परिसंपत्ति आधार में भारी वृद्धि का श्रेय बढ़ते हुए इक्विटी बाजार, स्थिर ब्याज दरों और बढ़ती आर्थिक वृद्धि को दिया है।
माह (2023) एसआईपी योगदान ( ₹करोड़)
जनवरी 13,856
फरवरी 13,686
मार्च 14,276
अप्रैल 13,728
मई 14,749
जून 14,734
जुलाई 15,245
अगस्त 15,814
सितम्बर 16,042
अक्टूबर 16,928
नवंबर 17,073
दिसम्बर 17,610
म्यूचुअल फंड निवेशकों भी इक्विटी फंड्स पर भरोसा
शेयर बाजार में रिकॉर्ड रैली के बीच म्यूचुअल फंड निवेशकों भी इक्विटी फंड्स पर भरोसा बना हुआ है। एसआईपी के जरिए दिसंबर में रिकॉर्ड 17,610 करोड़ का इनफ्लो देखने को मिला, जबकि इससे पहले नवंबर 2023 में 17,073 करोड़ का निवेश आया था। एसआईपी के जरिए ताबड़तोड़ हो रहे निवेश से साफ है कि रिटेल निवेशक जमकर म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगा रहे हैं।
यह एक साल पहले 2022 में म्यूचुअल फंड के एयूएम में 2.65 लाख करोड़ रुपये यानी 5.7 प्रतिशत की वृद्धि से काफी अधिक है। इसके पहले वर्ष 2021 में परिसंपत्ति आधार सात लाख करोड़ रुपये के साथ लगभग 22 प्रतिशत बढ़ा था।
किस योजना में लग रहा पैसा
ओपन एंडेड डेट फंड का एयूएम 12.9 लाख करोड़ रुपये है, लेकिन ग्रोथ माइनस 5.0 फीसदी
ओपन एंडेड हाइब्रिड फंड का 6.6 लाख करोड़ और ग्रोथ 6.0 फीसदी
ओपन एंडेड इक्विटी फंड का एयूएम 21.8 लाख करोड़ और ग्रोथ 7.0 फीसदी
लिक्विड फंड का एएमयू 3.8 लाख करोड़ और ग्रोथ माइनस 9.0 फीसदी
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