उज्जैन। उत्तर-पूर्वी भारत और बिहार के रहवासियों का सबसे प्रमुख त्यौहार छठ पूजा आज सूर्य को अध्र्य देकर समाप्त हुआ। इस दौरान सुबह से ही रामघाट और शहर के विभिन्न तालाबों के पास भीड़ थी। रामघाट पर सुबह से ही बिहार और उत्तर प्रदेश के निवासियों का मेला लगा हुआ था। सुबह-सुबह घर से बने व्यंजन तथा कद्दू एवं अन्य फल टोकरी में लेकर महिलाएँ पहुँची और उन्होंने रामघाट पर पूजा की।
पूजा करने के बाद एक-दूसरे को टीका लगाया तथा इसके बाद यहाँ पर लोगों ने खूब आतिशबाजी की और प्रसाद टोकरी में लेकर वापस अपने घर रवाना हुए। रामघाट के अलावा विक्रम सरोवर तथा इंदिरा नगर के पुरुषोत्तम सागर तथा विष्णु सागर पर भी कुछ परिवार पूजा करने पहुँचे थे। उल्लेखनीय है कि उज्जैन शहर में विभिन्न शासकीय पदों पर तथा अन्य कई निजी संस्थानों में बिहार के तथा उत्तर प्रदेश के लोग नौकरी करते हैं और उनके परिवार वर्षों से यहीं पर रह रहे हैं। कुछ लोग बिहार और उत्तर प्रदेश इस पूजा को करने जाते हैं और जो नहीं जा पाते हैं वह यहीं पर पूजा करते हैं। इस पूजा का उत्तर प्रदेश और बिहार तथा भोजपुरी में बहुत महत्व माना जाता है।
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