नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (KNP) में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीते और शावकों की मौत को देखते हुए, केंद्र सरकार ने एक समिति का गठन किया है। इस चीता पुनर्वास परियोजना की प्रगति की समीक्षा और निगरानी अब यह 11 सदस्यीय समिति करेगी।
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में तीन शावकों की मौत के बाद, ग्लोबल टाइगर फोरम के महासचिव राजेश गोपाल की अध्यक्षता वाली समिति बनाने का निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है, महत्वाकांक्षी चीता पुनर्वास परियोजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को अपने 72 वें जन्मदिन पर नामीबिया से कूनो में आठ चीतों को छोड़ा था। इसी तरह 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों को कूनो में छोड़ा गया था।
वन्यजीव प्रबंधन पर उठे सवाल
केएनपी में लगभग दो महीने में तीन वयस्क चीते और नामीबिया की मादा चीता, ज्वाला (सियाया) के चार शावकों में से तीन की मौत हो गई है, जिसके कारण कई विशेषज्ञों ने आवास और वन्यजीव प्रबंधन पर सवाल उठाए।
ईको टूरिज्म और नियमन पर देगी सुझाव
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की ओर से जारी बयान में कहा गया है, समिति ईको-टूरिज्म के लिए चीता के आवास खोलने और इस संबंध में नियमों पर सुझाव देगी। जानकारी के मुताबिक, ये समिति दो साल के लिए प्रभावी होगी और हर महीने कम से कम एक बैठक आयोजित करेगी। समिति सामुदायिक इंटरफेस और परियोजना गतिविधियों में भागीदारी के लिए भी सुझाव देगी।
29 को भूपेंद्र और शिवराज करेंगे बैठक
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव इसको लेकर 29 मई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान व्यवस्थाओं, जरूरतों और कमियों की समीक्षा की जाएगी। वहीं, कूनो राष्ट्रीय उद्यान में जन्में चौथे चीता शावक की हालत स्थिर है। एक वन अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। केएनपी के निदेशक उत्तम शर्मा ने कहा, चौथे चीता शावक की हालत स्थिर है।
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