- उज्जैन के अलावा इंदौर एवं अन्य शहरों से भी बड़ी संख्या में आती है भजन मंडलियाँ
उज्जैन। शाही सवारी में होने वाली भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा कई तरह की मीटिंग ली जा रही है एवं इस बार यह भी ध्यान रखा जाएगा कि सवारी में कोई अवांछित तत्व न घुसे।
शाही सवारी के दौरान करीब 50 से 60 भजन मंडली बाबा महाकाल की पालकी के आगे और पीछे चलती है। इन भजन मंडलियों में सदस्यों की संख्या निर्धारित नहीं रहती है और हर कोई बनियान और सोला पहनकर इन भजन मंडलियों में घुस जाता है और धक्का-मुक्की होती है और व्यवस्था बिगड़ती है। इस दौरान पुलिस को काफी मशक्कत करना पड़ती है और विवाद की स्थिति बनती है। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया इन्हीं सब बातों को देखते हुए इस बार कितनी भजन मंडलियाँ निकलेगी, उनमें कितने सदस्य होंगे, इन सब की सूची बनाई जा रही है और उस सूची के आधार पर सभी सदस्यों को विशेष प्रकार की जैकेट महाकाल मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्रदान की जाएगी जिससे शाही सवारी की ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मी उनकी पहचान कर सकें। उल्लेखनीय की शाही सवारी के लिए उज्जैन के अलावा इंदौर से भी बड़ी संख्या में भजन मंडली आती हैं, इन्हीं सब व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिए इस बार जैकेट देकर सदस्यों की अलग पहचान की व्यवस्था की जा रही है।
इधर मंदिर के अधिकारियों का यह भी कहना है कि शाही सवारी 22 अगस्त के बाद ही गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश सुनिश्चित किया जाएगा। बता दें कि अभी मंदिर के गर्भग्रह में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है, हालांकि समय व भीड़ की स्थिति को देखकर प्रोटोकाल तथा वीआईपी दर्शनार्थियों को अंदर तक ले जाकर दर्शन जरूर कराए जा रहे है लेकिन मंदिर के अधिकारियों का यह कहना है कि शाही सवारी के बाद मंदिर में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ कम हो जाएगी और ऐसे में गर्भग्रह में प्रवेश कराने में किसी तरह से परेशानी नहीं आएगी। इधर शाही सवारी को लेकर बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने विचार विमर्श कर निर्णय लिए है। गौरतलब है कि कोरोना काल के दो वर्ष बाद महाकाल की सवारियां परंपरागत मार्गो से निकाली जा रही है वहीं 22 अगस्त को निकाली जाने वाली शाही सवारी भी अपने परंपरागत मार्गों से निकलेगी। सवारी के स्वागत हेतु व्यापारी व सामाजिक संस्थाओं द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है। सराफा, कंठाल, गोपाल मंदिर, गुदरी चौराहा आदि क्षेत्रों को सजाए जाने की शुरुआत शुक्रवार से कर दी जाएगी। बाबा महाकाल की अगले वर्ष 10 सवारियां निकलेगी। अधिक मास होने के कारण इस तरह का संयोग होगा।