• img-fluid

    निगम के बजट में आय बढ़ाने की चिंता,ठेके पर जाएगा चकोर पार्क

  • July 31, 2020

    उज्जैन। कोरोना खतरे के बीच कल जैसे-तैसे नगर निगम का बजट सम्मेलन निपट गया और उसमें 1172 करोड़ के बजट को मंजूर कर दिया गया। बजट को लेकर हुए सदन में आय बढ़ाने की चिंता दिखाई दे रही थी, इसी वजह से चकोर पार्क को ठेके पर देने से लेकर कई जगह कमर्शियल कॉम्पलेक्स बनाने के प्रस्ताव भी मंजूर किए गए।

    कल नगर निगम का बजट सम्मेलन बुलाया गया था और इसमें लगभग 100 बिंदुओं के एजेंडे को शामिल करते हुए मंजूरी के लिए कई नये प्रस्ताव रखे गए थे। सदन में विशेष तौर पर एमआईसी द्वारा स्वीकृत किए जा चुके साल 2020-21 के 1172 करोड़ के बजट को मंजूरी देना प्राथमिकता रही। इसमें फोकस इसी बात पर रहा कि नगर निगम के खजाने में आय कैसे बढ़ाई जाए। पक्ष विपक्ष के आरोप और प्रत्यारोप के बीच आखिरकार आय बढ़ाने के कई निर्णय लिए गए। इनमें मक्सीरोड स्थित चकोर पार्क जिसका प्रवेश शुल्क अभी 10 रुपए है उसे बढ़ाकर 15 रुपए करने तथा जल्द ही इसे ठेके पर देने का निर्णय भी लिया गया। इसी तरह निगम स्वामित्व की खाली पड़ी जमीनों पर नये कमर्शियल बनाकर आय बढ़ाने हेतु भी प्रस्ताव रखे गए थे। इनमें नगर निगम के पुराने वर्कशॉप की जमीन पर कॉम्पलेक्स, उपकेश्वर चौराहे के पुराने शॉपिंग कॉमपलेक्स को तोडक़र नया बनाने, बड़ा गणेश मंदिर के पास खाली पड़ी जमीन पर होटल व लॉज निर्माण करने, दौलतगंज सब्जी मंडी की बिल्डिंग तथा फ्रीगंज में गुरुनानक शॉपिंग कॉम्पलेक्स के पास नया शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाने और छत्रीचौक स्थित सरकारी डिस्पेंसरी तथा यहाँ बने आवास को तोडक़र कॉम्पलेक्स बनाने, दूधतलाई स्थित पटवारी प्रशिक्षण शाला के पुराने निर्माण तोडक़र भी शॉपिंग कॉम्पलेक्स के निर्माण को मंजूरी दी गई।

    कचरा सेग्रिगेशन कर नही देने पर निगम ने किया जुर्माना
    गुरूवार को नगर निगम द्वारा कचरा सेग्रिगेशन कर ना देने वालों पर कार्रवाई की गई जिसमें वार्ड क्रमांक 37 माधव क्लब रोड पर गीला सूखा कचरा पृथक ना देने पर 250 रुपए, वार्ड क्रमांक 48 विद्यापति नगर में 1400 रुपए इस प्रकार कुल 1650 रुपए की चालानी कार्रवाई की गई। चालानी कार्यवाही के साथ ही नागरिकों को गीला सूखा कचरा अलग-अलग कर कचरा वाहन में डालने की समझाईश भी दी गई।
    सिर्फ दिखने में बड़ा है बजट बाकि पोल
    2 कल नगर निगम ने सत्ता पक्ष द्वारा बजट पास करने के बाद नेता प्रतिपक्ष ने इस पर तीखी टिप्पणी की और कहा कि यह सिर्फ दिखने में बड़ा बजट है लेकिन अंदर से पोला है। शहर बेहाल है, जनता बदहाल है और बगीचे वीरान पड़े हैं, गरीब योजनाओं के लिए नगर निगम के चक्कर लगाकर परेशान है। न तो समय पर पेंशन मिल रही है न ही गरीबों के उत्थान की कोई योजना उन तक पहुँच पा रही है। भाजपा बोर्ड का प्रशासनिक तंत्र पर नियंत्रण नहीं रहा है। सडक़ों पर सूअर, आवारा मवेशी और कुत्ते घूम रहे हैं। सीवरेज पाईप लाईन प्रोजेक्ट ढाई साल में भी पूरा नहीं हो पाया है। पीएम आवास योजना बंद पड़ी है। ऐसे में यह सिर्फ दिखावे का बजट है।

    Share:

    काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की बाढ़ में सुधार

    Fri Jul 31 , 2020
    राष्ट्रीय उद्यान काजीरंगा में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतरने लगा है। लेकिन, जैसे-जैसे उद्यान से पानी कम होने लगा है वैसे ही बाढ़ की वजह से वन्य जीवों के मरने की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष 16 गैंडे, 145 वन्य जीवों की […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved