भोपाल। पश्चिम मध्य रेलवे ने भोपाल सहित 11 स्टेशनों पर कम्प्यूटरीकृत पार्सल मैनेजमेंट सिस्टम शुरू किया है। इस सिस्टम के लागू होने से पार्सल बुक करते ही आपके मोबाइल पर बुकिंग का मैसेज आ जाता है। इसके बाद इसकी मदद से पार्सल की ट्रैकिंग कर किया जा सकता है। सीपीआरओ राहुल जयपुरिया के मुताबिक पार्सल यातायात को ट्रैक करने के लिए पश्चिम मध्य रेल ने कम्प्यूटरीकृत पार्सल प्रबंधन प्रणाली (पार्सल मैनेजमेंट सिस्टम) की शुरुआत की है। इससे लगेज को ट्रैक करना काफी आसान हो गया है। सामान लोड होते ही बुक करने वाले व्यक्ति के मोबाइल पर मैसेज पहुंच जाएगा। बुकिंग स्टेशन पर पहुंचते ही इसी माध्यम से मैसेज मिल जाएगा।
मानवीय त्रुटि को दूर करेगा ये सिस्टम
पार्सल प्रबंधन प्रणाली से रेल कर्मचारियों को भाड़े की ऑटोमेटिक गणना और मानवीय गलतियों में कमी होगी। ग्राहकों को परिवहन के दौरान पार्सलों के वर्तमान स्थिति की सटीक जानकारी मिल सकेगी और साथ ही बुकिंग और वजन में कम समय लगेगा।
पमरे के 11 स्टेशनों पर ये सिस्टम लागू
रेलवे में पार्सल प्रबंधन प्रणाली का प्रमुख उद्देश्य पार्सल यातायात में वृद्धि करके पार्सल आय को बढ़ाना है। पार्सल जगह का अधिकतम उपयोग, दावों को कम करना, कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और ग्राहक संतुष्टि से रेलवे की छवि में सुधार लाना है। पश्चिम मध्य रेल के तीनों मण्डलों पर 11 रेलवे स्टेशनों जबलपुर, कटनी, सतना, रीवा, पिपरिया, भोपाल, बीना, इटारसी, कोटा, सवाई माधोपुर और भरतपुर स्टेशनों पर पार्सल यातायात के लिए कम्प्यूटरीकृत पार्सल प्रबंधन प्रणाली की सुविधा शुरू की गई है।
पार्सल प्रबंधन प्रणाली के फायदे
पार्सलों का वजन इलेक्ट्रॉनिक तुलाई मशीन से सीधे कंप्यूटर द्वारा किया जाता है। एक ही खिड़की पर बुकिंग और कैश भुगतान सम्भव है। तय स्टेशन पर पहुंचते ही यातायात के बारे में पूर्व सूचना प्राप्त हो जाएगी। प्राथमिकता के अनुसार लादान किया जाता है। बार कोड तकनीक की सहायता से पैकजों की ट्रेसिंग आसान हो जाती है। प्राथमिकता के अनुसार लादान, जिससे भ्रष्टाचार एवं शिकायतों में कमी आएगी। प्रबंधन की जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी। पार्सल यातायात में वृद्धि से पार्सल आय में बढ़ोत्तरी होगी।
छोटे स्टेशनों को लदान किए गये पार्सलों के बारे में अग्रिम जानकारी होगी और पार्सल जगह का अधिकतम उपयोग होगा। ओवर कैरेज पर नियंत्रण किया जा सकेगा।
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