उज्जैन। 3 में से शुरू हुई पंचक्रोशी यात्रा का आज विधिवत समापन हो रहा है। निर्धारित तिथि पर यात्रा पर निकले श्रद्धालु आओ सुबह से नगर प्रवेश कर रहे हैं। नागचंद्रेश्वर मंदिर पर बल लौटाने के बाद उन्होंने अष्ट तीर्थ यात्रा आरंभ कर दी है। अष्ट तीर्थ यात्रा का समापन कल होगा।
आस्था और विश्वास की 118 किलोमीटर लंबी पंचक्रोशी यात्रा पूर्ण कर हजारों श्रद्धालु मंगलवार सुबह से शहर में प्रवेश कर गए। सोमवार को यात्रियों ने कलिया देह महल से चलकर उंडासा में पड़ाव जमाया। आज सुबह जल्दी उठकर यात्री पिंगलेश्वर के दर्शन करते हुए कोयला फाटक स्थित द्वार से शहर में प्रवेश कर शिप्रा तट पहुँचे। शिप्रा में स्नान करने के बाद यात्री अष्ट तीर्थ यात्रा पर निकल पड़े। यह यात्रा भूखी माता मंदिर से शुरू होकर कल बुधवार की दोपहर में मंगलनाथ पर समाप्त होगी जो श्रद्धालु निर्धारित तिथि से पहले यात्रा पर रवाना हुए थे वे सोमवार सुबह से ही शहर में आने लगे थे। लेकिन कुछ यात्री पीछे रह गए थे। वह सुबह से नगर प्रवेश कर रहे हैं। कोयला फाटक चौराहे पर सबसे पहले विभिन्न संगठनों द्वारा पंचक्रोशी यात्रियों का स्वागत किया गया। इसके पश्चात शहरभर में कई जगह मंचों से स्वागत का सिलसिला शुरू हो गया था।
पहले बल लौटाया, फिर शुरू की अष्ट तीर्थ यात्रा..
श्रद्धालुओं ने पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर महादेव के दर्शन कर बल लेने के बाद यात्रा शुरू की थी। शहर में प्रवेश कर यात्री चामुंडा चौराहा, देवासगेट, मालीपुरा, नईसड़क, कंठाल, गोपाल मंदिर होकर पुन: नागचंद्रेश्वर के दर्शन कर बल लौटाने पहुँचे और फिर यहाँ से गुदरी, पानदरीबा से कार्तिक चौक होकर शिप्रा तट पहुँचे। शिप्रा स्नान के बाद भूखी माता मंदिर से अस्त्र तीर्थ यात्रा शुरू की। यहाँ से सभी यात्री रणजीत हनुमान के रास्ते अष्ट तीर्थों के दर्शन करते हुए मंगलनाथ जाएँगे।
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