नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट Supreme court ने देशभर के ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि वे तबलीगी जमात के विदेशी नागरिकों Foreign nationals के खिलाफ दायर मामलों की जल्द सुनवाई पूरी करें। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश जारी किया।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि महाराष्ट्र में 36 विदेशी नागरिकों को बरी कर दिया जिसके बाद पुलिस ने रिवीजन पिटीशन दाखिल किया है। उन याचिकाओं पर 07 और 10 नवम्बर को सुनवाई होनी है। उन विदेशी नागरिकों के लिए ये सजा की तरह हो गया है।
पिछले 15 अक्टूबर को कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया था कि वे अपने देश में वापस जाने के लिए केंद्र सरकार के नोडल अफसर के पास अपनी बात रखें। कोर्ट ने संबंधित नोडल अफसर को निर्देश दिया कि वे विदेशी नागरिकों के प्रतिवेदन पर चार दिनों में फैसला लें। कोर्ट ने कहा था कि प्रतिवेदन पर फैसला लेने में एक हफ्ते से ज्यादा की देरी नहीं होनी चाहिए।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील फुजैल अहमद अय्युबी ने याचिका में कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय का ब्लैक लिस्ट करने का फैसला एकतरफा और मनमाना है। गृह मंत्रालय ने 02 अप्रैल को 960 विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट करने का आदेश दिया जबकि 04 जून को 2500 विदेशी नागरिकों Foreign nationals को ब्लैकलिस्ट किया गया। ब्लैकलिस्ट करने के पहले विदेशी नागरिकों का पक्ष भी नहीं सुना गया। गृह मंत्रालय का ये फैसला संविधान की धारा 21 का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया था कि गृह मंत्रालय के फैसले की वजह से ये नागरिक अपने देश वापस भी नहीं जा पा रहे हैं।
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