नई दिल्ली । देश के नागरिकों (citizens of the country)की शिकायतों का निराकरण(Redressal of grievances) अब 21 दिनों के भीतर (within days)करना होगा। पहले यह समयसीमा 30 दिन की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) के निर्देश के बाद सोमवार को प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा सभी सरकारी विभागों को यह आदेश जारी किया गया है। आदेश को सभी मंत्रालयों के सचिवों ने संबंधित विभागों को भेज दिया है।
डीएआरपीजी के सचिव वी श्रीनिवास ने कहा कि इस आदेश का उद्देश्य शिकायत निवारण की गुणवत्ता में सुधार करना है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस फैसले से देश के करोड़ों लोगों को फायदा मिलेगा। जन शिकायत के समाधान के लिए 2020 में केंद्र सरकार ने समय सीमा घटाकर 45 दिन और 2022 में 30 दिन कर दी थी। केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (CPGRAMS) पर सरकार को हर साल करीब 30 लाख से अधिक जन शिकायतें प्राप्त होती हैं।
समर्पित नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे
सरकार ने प्रत्येक मंत्रालय में एक डेडिकेटेड (समर्पण) शिकायत प्रकोष्ठ स्थापित करने का निर्णय लिया है। साथ ही, स्वतंत्र प्रभार वाले एक समर्पित नोडल अधिकारी को भी नियुक्त किया जाएगा, ताकि शिकायतों का समय पर और गुणवत्तापूर्ण निपटारा सुनिश्चित किया जा सके। इसके अतिरिक्त, डीएआरपीजी ने शिकायतों के निपटान पर नागरिक प्रतिक्रिया का सर्वेक्षण करने के लिए एक कॉल सेंटर भी स्थापित किया है।
नए आदेश के मुताबिक, यदि कोई शिकायत का विषय प्राप्त करने वाले मंत्रालय से संबंधित नहीं है, तो उसे सही प्राधिकारी को हस्तांतरित करने का भी प्रयास किया जाएगा।
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