उज्जैन। विद्युत मंडल के झोन कार्यालयों से लेकर कंपनी के हेल्प लाईन नंबर पर साल के आखिरी दिनों में उपभोक्ताओं की शिकायतें बढ़ती जा रही है। इनमें बिना रीडिंग के बढ़ाकर दिए गए बिलों के साथ-साथ कई उपभोक्ता कोरोना काल की बकाया राशि नए बिल में जोड़कर दिए जाने की शिकायत लेकर पहुँच रहे हैं। उल्लेखनीय है कि विद्युत मंडल ने पिछले दो साल से झोनों पर फोन से सीधे शिकायतें सुनना बंद कर दिया है। ऐसे में लोगों को अब बिलों में सुधार संबंधी शिकायतें भी हेल्प लाईन पर करनी पड़ रही है। इधर साल के आखिरी महीने में उपभोक्ताओं को मौजूदा महीने की बिजली खपत के बिलों के साथ अब कोरोना काल में शासन द्वारा माफ की गई बिलों की राशि भी जुड़कर भेजी जा रही है। कई उपभोक्ताओं को इस महीने इसके कारण 70 से 90 हजार तक के बिजली के बिल थमाए गए हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि इसी महीने 15 नवम्बर तक कोरोना काल की बकाया राशि बिजली विभाग ने जमा करने की व्यवस्था की थी।
दो माह का बकाया, हजारों कैसे हो गया
कोरोना काल के बकाया बिलों की नए बिलों के साथ वसूली से परेशान उपभोक्ताओं का कहना है कि कोरोना काल में अधिकांश उपभोक्ताओं ने दो माह बिजली के बिल जमा नहीं किए थे। परंतु अब यही राशि हजारों में बकाया निकाली जा रही है। लोगों का सवाल है कि कोरोना काल के उन दो महीनों में सामान्य घरेलू उपभोक्ताओं ने किया हर महीने 25 से 50 हजार रुपए तक की बिजली जलाई। उपभोक्ताओं के इस सवाल का विद्युत मंडल के अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved