उज्जैन। आर्थिक अपराध अनवेषण ब्यूरो अर्थात ईओडब्ल्यू में सिंहस्थ सहित कई बड़े घोटालों की शिकायतें सालों पहले की गई थी। लगभग 1800 करोड़ से ज्यादा के घोटाले इसमें शामिल हैं लेकिन इस तरह के एक भी बड़े मामले में विभाग अब तक जाँच पूरी नहीं कर पाया है। यहाँ हुई घोटालों और गड़बडिय़ों की 2 हजार से ज्यादा शिकायतों में से 300 से ज्यादा मामलों में एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है।
ईओडल्ब्यू की उज्जैन शहर की मिलाकर पूरे संभाग में 7 इकाईयाँ हैं। इनमें विभाग के 40 अधिकारी-कर्मचारी मौजूद हैं। आर्थिक अपराध के मामलों में ईओडब्ल्यू की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। यही कारण है कि बड़े-बड़े विभागीय घोटालों के मामले ईओडब्ल्यू में पहुँचते हैं। उज्जैन में भी पिछले डेढ़ दशक में कई बड़े आर्थिक अनियमितताओं के मामले सामने आए हैं।
उनकी शिकायतें ईओडब्ल्यू तक की गई है। विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार पिछले एक दशक में उज्जैन शहर तथा जिले में हुए आर्थिक अपराधों की 2 हजार से ज्यादा शिकायतें विभाग में हुई हैं। इनमें सिंहस्थ के दौरान हुई विभिन्न गड़बडिय़ों की करीब 15 सौ करोड़ की अनियमिताओं की शिकायतें हैं। इसके अलावा सिंहस्थ पूर्व स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 40 करोड़ की दवा खरीदी के घोटालों की शिकायत तथा इसके बाद स्मार्ट सिटी टेंडर में लगभग 300 करोड़ के घोटाले जैसी शिकायतें शामिल हैं। इससे पहले भी विपक्ष द्वारा ईओडब्ल्यू में पीएचई की पानी की टंकी तथा लोहे के स्टैंड में गड़बड़ी की शिकायत, नगर निगम में ट्यूबलाईट खरीदी कांड और पावडर कांड की शिकायतें भी इसमें शामिल हैं परंतु 2 हजार से ज्यादा शिकायतों में से 300 के लगभग मामलों में ही एफआईआर दर्ज की गई है। इस तरह के बड़े घोटाले वाले मामलों में विभाग द्वारा अभी तक सिर्फ जाँच ही की जा रही है। किसी भी बड़े मामले की जाँच पूरी नहीं हुई है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved