उज्जैन। नगर निगम में लेखा अधिकारी और निगमायुक्त के बीच ठन गई है तथा ऐसे में भुगतान लंबित हो रहे हैं। नगर निगम में समस्त भुगतान के लिए लेखा अधिकारी को अधिकार रहते हैं और भुगतान के पत्रकों पर लेखा अधिकारी तथा निगम आयुक्त के साझा हस्ताक्षर होते हैं लेकिन निगमायुक्त ने गड़बडिय़ों के चलते लेखाधिकारी से उक्त अधिकार छीन लिए हैं, इसलिए दोनों में तनातनी शुरू हो गई है।
नगर निगम में लेखा अधिकारी के रूप में वित्त विभाग के अधिकारी गणेश कुमार पदस्थ हैं। पिछले दिनों शिकायतों के चलते निगमायुक्त क्षितिज सिंघल ने लेखा अधिकारी के वित्तीय अधिकार समाप्त कर दिए थे और समस्त भुगतान का जिम्मा अन्य अधिकारियों को दे दिया था। इसी के चलते दोनों में तनातनी शुरू हुई। लेखा अधिकारी गणेश कुमार ने शासन के नियमों का हवाला देते हुए निगमायुक्त को एक पत्र दिया जिसमें उनके अधिकार संबंधी बातें लिखी हुई थी, बाद में निगमायुक्त ने सिर्फ पीएचई के भुगतान के अधिकार गणेश कुमार को सौंपे, वहीं ठेकेदार एवं अन्य भुगतान के अधिकार एक अन्य अधिकारी को दिए। इसको लेकर दोनों में कई दिनों से तनातनी चल रही है और लेखा अधिकारी उच्च स्तर पर निगमायुक्त के मनमाने रवैए की शिकायत करने का मन बना रहे हैं। फिलहाल नगर निगम में चुनी हुई परिषद नहीं है, इसलिए प्रशासक का अधिकार संभागायुक्त को है, इसलिए लेखा अधिकारी अब संभागायुक्त को इसकी शिकायत कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि ठेकेदारों के भुगतान को लेकर कुछ गड़बड़ी हुई थी और इसी के चलते निगमायुक्त ने लेखा अधिकारी के अधिकार छीन लिए थे।
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