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ग्रेसिम प्रबंधन के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत पंजीकृत

August 19, 2020
उज्जैन/नागदा। जिले के औद्योगिक नगर नागदा स्थित बिड़ला के ग्रेसिम उद्योग प्रबंधन के खिलाफ कर्मचारियों को कथित जबरन वीआरएस देने तथा ठेका मजदूरों को पांच माह से कार्य नहीं देने के आरोप में बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में आनलाइन एक शिकायत (क्रमांक पीएमओपीजी/ई/2020/0756161) पंजीकृत हुई है। इसमें ग्रेसिम के यूनिट हेड पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई है।

यह कार्यवाही अभा असंगठित मजदूर कांग्रेस के प्रदेश संयोजक अभिषेक चौरसिया निवासी नागदा की द्वारा की गई, जिसकी प्रतिलिपि बुधवार को मीडिया को साझा की गई।

यह है मामला-

प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त जाने-माने मजदूर नेता सुल्तानसिंह शेखावत ने एजेंसी को गत दिनों दिए एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि ग्रेसिम कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने की नीति की मंशा उनके समक्ष प्रबंधन ने जताई है। इस खबर के बाद शहर में भूचाल सा मच गया। वीआरएस के माध्यम से यह संभव होगा। इस अंदरूनी निर्णय के लिकेंज हो जाने से शहर की सियासत गरमा गई। कुछ स्टाफ कर्मचारियों को नौकरियों से बाहर करने के प्रकरण भी सामने आ गए। हालांकि उद्योग के जनसंपर्क अधिकारी संजय व्यास इस प्रकार की नीति से अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं।

अभिषेक की फरियाद

अभिषेक ने प्रधानमंत्री कार्यालय में यह मसला उठाया है कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट किया था कि इस महामारी में किसी की नौकरी नहीं छिनी जाएगी। यहां तक वेतन भी नहीं काटा जाएगा, लेकिन ग्रेसिम में कर्मचारियों को रोजी-रोटी से मोहताज किया और कई लोगों की नौकरियां छिन ली। हजारों ठेका मजदूर 5 महीने से घर बैठे हैं। इन लोगों को कोई पैसा भी नहीं दिया जा  रहा। पीएम के आदेश का उल्लघंन करने पर प्रंबंधन के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए।

कलेक्टर को भी यह शिकायत

1.  जबरन नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों एवं बेरोजगार ठेका मजदूरों के बयान पुलिस के समक्ष दर्ज किए जाए।
2. कार्य पर लिए जा रहे मजदूरों एवं घर बैठे स्थायी श्रमिकों एवं ठेका मजदूरों की सूची प्रत्येक दिन के अनुसार एसडीएम कार्यालय नागदा में प्रेषित की जाए।
3. ठेका मजदूरों को घर बैठे कम से कम 50 प्रतिशत वेतन दिया जाए।
4. ग्रेसिम के यूनिट हेड ने उद्योग विस्तारीकरण मंजूरी की प्रक्रिया में एक षपथ पत्र पर्यावरण विभाग  के समक्ष पेश किया था। जिसमें में बताया गया थाकि उद्योग विस्तारीकरण योजना के बाद उद्योग में कुल 6486 कर्मचारी हो जाएंगे। जिसमें 2820 स्थायी मजदूर, तथा 3666 ठेका मजदूर होंगे। जबकि वर्तमान में मा़त्र 1700 स्थायी मजदूर है। इन में से भी 25 प्रतिशत को कम किए जाने की योजना है। यानी शासन- प्रशासन को गुमराह किया गया है।
एचआर प्रमुख का बयान

अभिषेक ने अपनी बात के पक्ष में आदित्य बिड़ला समूह के कारपोरेट एचआर प्रमुख संतृप्त मिश्रा का एक नेशनल अंग्रेजी अखबार में दिए बयान का हवाला भी दिया है। यह बयान 22 अप्रैल 2020 को प्रकाशित हुआ था। जिसमें उन्होंने कहा था कि कर्मचारियों को रोजगार हमारी नेेतिक जिम्मेदारी लेकिन वर्तमान समय का दर्द सबको साझा करना होगा।

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