हैदराबाद । वाईएसएआर तेलंगाना पार्टी नेता (YSRTP Leader) वाई.एस. शर्मिला (Y.S. Sharmila) ने टीएसपीएससी पेपर लीक मामले में (In TSPSC paper leak case) तेलंगाना राज्य आईटी विभाग के खिलाफ (Against Telangana State IT Department) पुलिस में (In Police) शिकायत दर्ज कराई (Complaint Lodged) और प्राथमिकी दर्ज करने (Registration of FIR)की मांग की (Demanded) ।
उन्होंने बेगम बाजार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई तथा आरोप लगाया कि विशेष जांच दल (एसआईटी) प्रगति भवन (मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास) के निर्देश पर काम कर रहा है और उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। मामले में ‘बड़ी मछली’ के शामिल होने की आशंका जताते हुए उन्होंने आईटी मंत्री के.टी. रामाराव और विभाग के अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग की।
थाने में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, मार्च 2023 में टीएसपीएससी के अध्यक्ष ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि घोटाले में गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक, मुख्य आरोपी राजशेखर रेड्डी, की टीएसपीएससी सिस्टम के आईपी तक पहुंच थी। अध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया कि जब कोई आईपी जानता है तो कहीं से भी जानकारी प्राप्त करना आसान हो जाता है। आरोपी राजशेखर रेड्डी को अन्य आरोपी प्रवीण के साथ गिरफ्तार किया गया था जो एक अंदरूनी सूत्र था। अध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया कि राजशेखर रेड्डी ने सिस्टम को हैक करने के लिए प्रवीण के साथ सांठगांठ की और कागजों तक पहुंच हासिल की।
वाईएसआर तेलंगाना पार्टी के नेता ने कहा, जब टीएसपीएससी सिस्टम को इतनी सरलता से हैक और एक्सेस किया गया है, तो आईटी विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर संदेह पैदा होता है, जिन पर अभियुक्तों के साथ मिलीभगत का संदेह है। आईटी मंत्री ने ऑन रिकॉर्ड कहा कि यह केवल दो लोगों की करतूत है और इसके लिए किसी भी विभाग को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। मंत्री के इस बयान से आम लोगों के मन में यह बात घर कर गई कि विभाग के दोषियों पर कोई मुकदमा नहीं चलेगा। न ही उनके खिलाफ कोई जांच का आदेश दिया गया। उन्होंने कहा, मंत्री स्वयं विभाग और उसके अधिकारियों की भूमिका की किसी भी जांच को हतोत्साहित कर रहे हैं। एक तरह से वह उनका बचाव कर रहे हैं जबकि यह स्पष्ट है कि प्रमाणीकरण स्तर, ओटीपी और अन्य सुरक्षा स्तरों को बाईपास किए बिना प्रश्नपत्रों तक पहुंचना असंभव था।
शर्मिला ने कहा कि टीएसपीएससी पेपर लीक मामले में आईटी मंत्री के निजी सहायक की भूमिका मीडिया में व्यापक रूप से सामने आई है। बताया गया कि मुख्य आरोपी राजशेखर और मंत्री के पीए पड़ोसी गांवों के रहने वाले हैं और एक-दूसरे को जानते हैं। आखिरकार, राजशेखर और मंत्री के पीए दोनों के करीबी सहयोगियों ने टीएसपीएससी परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए। ये सब एक बड़ी और सोची समझी साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हम इस मिलीभगत के कोण की जांच की मांग करते हैं। यह सोचना भी भोलापन है कि ये सभी घटनाएं आईटी मंत्री के संज्ञान में आए बिना हुईं, जबकि मीडिया में उनके पीए की भूमिका की तरफ उंगलियां उठ रही हैं।
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