चंडीगढ़ । हरियाणा विधानसभा सचिवालय (Haryana Legislative Secretariat) ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Chief Minister Manohar Lal) की सुरक्षा में सेंध लगाकर घेराव करने और उन्हें काले झंडे दिखाने के मामले में पंजाब अकाली दल (Punjab Akali Dal) के नौ विधायकों समेत 17 नेताओं के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस (Chandigarh Police) को शिकायत दी है। चंडीगढ़ के सेक्टर-तीन पुलिस थाने में शिकायत के साथ सबूत के तौर पर सीसीटीवी की फुटेज भी दी गई है।
हरियाणा विधानसभा (Haryana Legislative Assembly) में कांग्रेस द्वारा सरकार के खिलाफ कृषि कानूनों (Agricultural laws) के मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था जिस पर 10 मार्च को सदन में चर्चा हुई थी और इसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Chief Minister Manohar Lal) ने विश्वास मत हासिल कर लिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Chief Minister Manohar Lal) जैसे ही सदन के बाहर निकले तो वहां थोड़ी दूरी पर खड़े अकाली विधायक बिक्रमजीत सिंह मजीठिया व एनके शर्मा सहित कई विधायकों व अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री का घेराव करते हुए नारेबाजी की और काले ।
सवाल यह उठ रहा है कि भारी-भरकम सुरक्षा के बाद भी सीएम के घेराव की कोशिश कैसे हुई? इसे सुरक्षा में चूक के साथ सीआईडी के फेलियर का मामला भी माना जा रहा है। चंडीगढ़ पुलिस के अधिकार क्षेत्र का मामला बताकर सीआईडी और सीएम सिक्योरिटी को एक तरह से बचाने की कोशिश हो रही है।
सीएम की सुरक्षा के लिए एसपी सिक्योरिटी व सीआईडी के अलावा डीएसपी, इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर सहित बड़ी संख्या में कमांडो तैनात रहते हैं। स्पीकर ने पुलिस के अलावा गुप्तचर विभाग के अधिकारियों की भी क्लास लगाई।
स्पीकर के आदेशों पर विधानसभा अधिकारियों की शिकायत पर एफआईआर बेशक दर्ज हो जाएगी, लेकिन यह कोर्ट में स्टैंड करेगी, इस पर बड़ा सवाल है। पंजाब व हरियाणा विधानसभा एक ही बिल्डिंग में चल रही हैं। कैम्पस भी दोनों का एक ही है। ऐसे में किसी भी विधानसभा के विधायकों के प्रवेश करने या कैम्पस में आने पर कानूनन किसी तरह की रोक नहीं लगा सकते। हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि यह मामला बेदह गंभीर है। इसके चलते पुलिस में शिकायत दी गई है। इसको लेकर बहुत जल्द पंजाब के पुलिस अधिकारियों के साथ भी बैठक की जाएगी।
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