भोपाल। मप्र में होने वाले नगरीय निकाय के चुनाव की तारीखें तय होना बाकी है, लेकिन राज्य के चुनाव आयुक्त के संकेतों के बाद राजनीतिक दलों में प्रत्याशियों के चयन समेत अन्य तैयारियां को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस से महापौर-अध्यक्ष-पार्षद के टिकट हांसिल करने के लिए उम्मीदवारों ने जोर आजमाइश शुरू कर दी है। दोनों ही पार्टियों में टिकट के कई की लम्बी कतार है, जिनमें से एक चेहरे को उम्मीदवार के रूप में चुनने के लिए पार्टियों को खासी मशक्कत करना पड़ेगी। कांग्रेस-भाजपा को उम्मीदवार चयन में सावधानी की यह कवायद इसलिए भी करनी होगी, क्योंकि, टिकट कटने की स्थिति में विरोध और बगावत की भारी आशंका रहेगी और चुनाव में भारी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इस वजह से दोनों पार्टियों की कोशिश होगी कार्यकर्ताओं की आपसी सहमति से जनता की राय के आधार पर प्रत्याशी का चुनाव हो जाए। मप्र के अधिकतर नगरीय निकाय चुनाव एक साल पहले होना था। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण चुनाव लगातार टाले जा रहे थे। पहले ये चुनाव 2020 फरवरी में कमलनाथ कार्यकाल के दौरान होने थे। लेकिन महापौर चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने, भोपाल नगर निगम को दो भागों में बांटने के अलावा कई जिलों में वॉर्डों के सीमांकन के कारण चुनाव तय समय पर नहीं हो पाए थे। किन अब राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने अब साफ कर दिया है कि वोटर लिस्ट का काम 3 मार्च तक पूरा हो जाएगा। उसके बाद चुनाव होंगे। अब इलेक्शन नहीं टाले जाएंगे।
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