नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अधिकारियों को पूर्व सूचना दिए बिना उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संभल (Sambhal) जाने की कोशिश करने के लिए बुधवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की आलोचना की और दावा किया कि कांग्रेस (Congress) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के बीच अल्पसंख्यक समुदाय के वोटों के लिए हो रही प्रतिस्पर्धा के तहत नेता प्रतिपक्ष ने यह कदम उठाया। संभल जिले में 24 नवंबर को एक मस्जिद के सर्वेक्षण के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मद्देनजर वहां 31 दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी ने ‘किसी सहानुभूति’ के लिए संभल जाने की कोशिश नहीं की, बल्कि मीडिया का ध्यान आकृष्ट करने और अपने सहयोगी दल समाजवादी पार्टी के नेताओं की तुलना में ‘बेहतर फोटो खिंचवाने’ के अवसर को भुनाने की कोशिश के तहत की।
राहुल गांधी, उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुबह राजधानी दिल्ली स्थित गाजीपुर सीमा पर पहुंचे, जहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया था और संभल में प्रवेश करने से उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड लगाए गए थे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिले में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण उन्हें गाजीपुर सीमा पर रोक दिया गया। त्रिवेदी ने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि सिर्फ मीडिया में सुर्खियां पाने और इंडी गठबंधन को साथ ना रख पाने की छटपटाहट में राहुल गांधी ने यह कार्य किया है।’’
भाजपा प्रवक्ता ने परोक्ष रूप से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘दोनों पार्टियों के बीच द्वंद्व चल रहा है।’’ उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने भी कहा है कि संभल जाने की बात कर कांग्रेस औपचारिकता निभा रही है। त्रिवेदी ने कहा, ‘‘लेकिन हमारा मानना है कि कांग्रेस औपचारिकता नहीं बल्कि विवशता में यह कदम उठा रही है।’’ उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को अपनी यात्रा के बारे में अधिकारियों को पूर्व सूचना देनी थी, क्योंकि प्रधानमंत्री के बाद वह ‘उच्चतम स्तर’ की सुरक्षा रखते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष के नाते एएसएल सुरक्षा हासिल है। एएसएल का मतलब उन्नत सुरक्षा संपर्क है। प्रधानमंत्री के बाद सुरक्षा का यह उच्चतम स्तर है। उनके (गांधी के) अलावा केवल गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को यह सुरक्षा प्राप्त है।’’ त्रिवेदी ने कहा कि इतने उच्च स्तर के सुरक्षा कवर वाले व्यक्ति को अपने कार्यक्रम के बारे में संबंधित अधिकारियों को पूर्व सूचना देनी होगी ताकि पुलिस उस क्षेत्र की जांच करे जहां वह जा रहे हैं और सुरक्षा मंजूरी दे।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप ईमानदारी से वहां (संभल) जाना चाहते थे और उन्हें वास्तव में कुछ सहानुभूति थी तो उन्हें पहले ही इसकी सूचना (अधिकारियों को) दे देनी चाहिए थी… आपका वहां जाने का कोई इरादा नहीं था। आपने बस एक औपचारिकता पूरी की और फिर लौट आए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस की यह तथाकथित यात्रा इंडी गठबंधन में पार्टियों के बीच आपसी प्रतिस्पर्धा से प्रेरित थी ताकि कोर वोट पर कब्जा किया जा सके। इसी वोट के लिए इंडी गठबंधन के घटक एक साथ आए। कहीं भी लोगों के लिए कोई सहानुभूति इसमें दिखाई नहीं देती।’’भाजपा मुस्लिम मतदाताओं को संदर्भित करने के लिए ‘कोर वोट’ शब्द का उपयोग करती रही है। वह ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ को अक्सर इंडी गठबंधन भी कहती रही है।
संभल में 19 नवंबर से तनाव पैदा हो गया था, जब अदालत के आदेशों पर मुगल काल की एक मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। अदालत में दावा किया गया था कि मस्जिद स्थल पर पहले हरिहर मंदिर था। 24 नवंबर को एक दूसरे सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी जब प्रदर्शनकारी शाही जामा मस्जिद के पास इकट्ठा हुए और सुरक्षाकर्मियों के साथ भिड़ गए। हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
संभल में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (उपद्रव या खतरे की आशंका के तत्काल मामलों में आदेश जारी करने की शक्ति) के तहत पाबंदियां अब 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई हैं। संभल जाने की कोशिश को लेकर राहुल गांधी की आलोचना करते हुए भाजपा ने दावा किया कि विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन टूट रहा है। त्रिवेदी ने कहा, ”यह देश के लोगों को स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।” उन्होंने कहा कि राज्यसभा में मंगलवार को विपक्षी दलों की ओर से नियम 267 के तहत 42 नोटिस दिए गए थे।
उन्होंने कहा, “महत्वपूर्ण बात यह है कि इंडी गठबंधन के किसी भी दो दलो ने एक विषय पर नोटिस नहीं दिया था। यह स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी अपना एजेंडा लेकर चल रही थी लेकिन इंडी गठबंधन के बाकी दलों ने अपनी राह खुद तय कर ली है।” त्रिवेदी ने दावा किया कि सदन के पटल पर सहयोगी दलों को साथ में लेने की असफलता के बाद आज राहुल गांधी उसी ‘विवशता’ में रस्म अदायगी के लिए उत्तर प्रदेश के संवेदनशील क्षेत्र संभल में जाने का प्रयास करते नजर आए।
भाजपा नेता ने दावा किया कि जहां इंडिया गठबंधन की पार्टियां विभिन्न मुद्दों पर एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश कर रही हैं, वहीं कांग्रेस के भीतर भी ‘द्विध्रुवीय राजनीति का एक नया युग’ शुरू होने जा रहा है। उन्होंने कहा, ”प्रियंका गांधी की ओर से भी एक बयान आया है… एक समय था जब देश में एकध्रुवीय राजनीति हुआ करती थी। भाजपा ने इसे द्विध्रुवीय बना दिया।” त्रिवेदी ने मुख्य विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा, ”मुझे लगता है कि कांग्रेस के भीतर भी द्विध्रुवीय राजनीति का एक नया युग शुरू होने जा रहा है।”
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