बेंगलुरु (Bengaluru) । कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस (Congress) को सत्ता में अभी छह माह भी पूरे नहीं हुए हैं कि मुख्यमंत्री पद को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया (Chief Minister Siddaramaiah) जहां पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री रहने का दम भर रहे हैं, वहीं प्रियांक खड़गे (Priyank Kharge) सहित कई नेताओं ने मुख्यमंत्री पद स्वीकार करने का इच्छा जताई है। मुख्यमंत्री पद को लेकर हो रही इस बयानबाजी से पार्टी नाराज है। पार्टी नेतृत्व ने सभी नेताओं को मुख्यमंत्री पद पर कोई बयानबाजी नहीं करने की नसीहत दी है।
प्रदेश सरकार में मंत्री और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने कहा कि अगर पार्टी आलाकमान उनसे कहेगा, तो वह राज्य में मुख्यमंत्री पद लेने के लिए तैयार रहेंगे। हालांकि, यह बात उन्होंने मीडिया की तरफ से पूछे एक सवाल के जवाब में कही, पर पार्टी का एक तबका इससे नाराज है। कर्नाटक कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस तरह की बयानबाजी से पार्टी की फजीहत हो रही है। पार्टी नेतृत्व को हस्तक्षेप करना चाहिए।
इससे पहले मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भी गुरुवार को पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहने का दावा किया था। उनके इस दावे के बाद पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर दावेदारी शुरू हो गई। इसके साथ पार्टी के अंदर ढाई-ढाई साल के कार्यकाल की बहस भी तेज हो गई है। पार्टी के एक तबके का मानना है कि ढाई साल बाद डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी देनी चाहिए। चुनाव परिणाम के बाद भी शिवकुमार ने मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी जताई थी।
सिद्धरमैया ने बड़ा दावा किया था
मुख्यमंत्री पद पर पांच साल तक बने रहने के साथ सिद्धरमैया ने एक और बड़ा दावा किया था। उन्होंने कहा था कि राज्य में ऑपरेशन कमल की तैयारी की जा रही है। इसके साथ उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार भी कहा कि हम जानते हैं कि बड़ी साजिश रची जा रही है, लेकिन वह सफल नहीं होगी। कुछ बड़ी हस्तियां कांग्रेस विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं। इससे पहले जुलाई 2019 में भाजपा ने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार को गिराकर सत्ता संभाल चुकी है। उस वक्त भाजपा ने कांग्रेस के कई विधायकों को तोड़ लिया था।
भाजपा को घेरा
इसलिए प्रियांक खड़गे ने भाजपा पर भी निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि हताश भाजपा नेताओं का एक वर्ग राज्य में कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए पार्टी नेतृत्व से एक हजार करोड़ रुपये की मांग की होगी। खड़गे की यह टिप्पणी मांड्या के कांग्रेस विधायक रविकुमार गनीगा के उस आरोप के बाद आई है, जिसने उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा ने कांग्रेस के चार विधायकों से संपर्क किया था और उन्हें भाजपा में शामिल होने पर प्रत्येक को 50 करोड़ रुपए नकद और मंत्री पद की पेशकश की है।
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