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    15 करोड़ का मुआवजा किसानों को बंटेगा… चेक बनना शुरू

  • November 27, 2020

    • लैंड पुलिंग पॉलिसी से पीथमपुर की 800 एकड़ निजी जमीनों का अधिग्रहण… 20 प्रतिशत देंगे नकद मुआवजा

    भोपाल। पीथमपुर में मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम द्वारा सेक्टर 4 और 5 को विकसित किया जा रहा है, जिसमें कुल 1400 एकड़ जमीन शामिल है। मगर उसमें से 600 एकड़ जमीन तो सरकारी है वहीं 800 एकड़ निजी जमीनों को लैंड पुलिंग पॉलिसी के तहत अधिग्रहित किया जाएगा, जिसमें 20 प्रतिशत की राशि नकद मुआवजे के रूप में और शेष 80 प्रतिशत आवासीय और वाणिज्यिक भूमि के रूप में आबंटन होगा। शासन की मंजूरी के बाद 95 करोड़ रुपए की राशि 121 किसानों को 20 प्रतिशत मुआवजे के रूप में बांटी जाना है, जिसके चेक बनना शुरू हो गए हैं। पीथमपुर में स्मार्ट इंडस्ट्रीयल पार्क जो विकसित किया गया वह अत्यंत सफल साबित हुआ, जिसके सारे भूखंडों की बिक्री हो चुकी है और मुश्किल से 2-4 भूखंड ही बचे हुए। वहीं मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम अब पीथमपुर औद्योगिक निवेश सेक्टर 4 और 5 को विकसित करने की तैयारी कर रहा है। पहले एकेवीएन अलग था, मगर अब उसे एमपीआईडीसी में ही मर्ज कर दिया गया है। इसके इंदौर रीजन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रोहन सक्सेना का कहना है कि पीथमपुर निवेश क्षेत्र और प्रबंधन योजना 2016 में लागू की गई थी, जिसमें औद्योगिक विकास में निजी भू-धारकों को पार्टनर बनाते हुए भूमि अधिग्रहण के लिए लैंड पुलिंग योजना 2019 में लागू की गई। अभी सेक्टर 4 और 5 के लिए 586 हैक्टेयर यानी लगभग 1400 एकड़ जमीनों पर पहले और दूसरे चरणों में विकास किया जाना है और इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लगभग 550 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। इस पूरे प्रोजेक्ट को दो चरणों में विकसित करने की अनुमति शासन ने भी 22.09.2020 को हुई कैबिनेट बैठक में दे दी थी, जिसके चलते 121 किसानों की लगभग निजी 320 हैक्टेयर यानी 800 एकड़ जमीन लैंड पुलिंग पद्धति से अधिग्रहित की जा रही है और इन सभी किसानों ने भी अपनी सहमति दे दी है। एमपीआईडीसी के पास पहले से अविकसित भूमि 76.19 के अलावा सरकारी भूमि 189. 90 एकड़ भी मौजूद है। इस तरह निजी, सरकारी और अविकसित कुल जमीन 586 हैक्टेयर होती है, जिसमें यह प्रोजेक्ट अमल में लाया जाना है। जमीन मालिक और एमपीआईडीसी के बीच भूमि हस्तांतरण अभिलेख यानी अनुबंध निष्पादित किया जाएगा। उक्त अनुबंध के आधार पर दोनों पक्ष, जिनमें भूमि स्वामी और एमपीआईडीसी अपने-अपने हिस्से के भूखंड अन्य किसी को भी विक्रय कर सकेंगे। भूमि स्वामियों को दिए जाने वाले मुआवजे की गणना कलेक्टर गाइडलाइन के मुताबिक कृषि भूमि के मूल्य की दो गुना राशि, जिसका 20 प्रतिशत नकद और शेष 80 प्रतिशत विकसित आवासीय और वाणिज्यिक भूमि के रूप में गाइडलाइन के मान से ही आबंटित किया जाएगा। इसके लिए 20 प्रतिशत जो नकद राशि दी जाना है वह लगभग 95 करोड़ रुपए होती है, जो एमपीआईडीसी को शासन से प्राप्त हो गई है।

    स्टाम्प ड्यूटी से छूट भी दे चुका है शासन
    अभी पिछले दिनों ही राज्य शासन ने मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम को अधिग्रहित की जाने वाली निजी जमीनों की रजिस्ट्रियों में स्टाम्प ड्यूटी से छूट दे दी है। इसका खुलासा भी सबसे पहले अग्निबाण ने ही किया था। इंदौर रीजन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रोहन सक्सेना के मुताबिक इस आदेश के बाद किसानों से रजिस्ट्रियां भी करवाना शुरू करेंगे, जिसमें अब स्टाम्प ड्यूटी नहीं चुकाना पड़ेगी। वहीं 80 प्रतिशत जमीन वापस की जाएगी।

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