डेस्क। वीडियो गेम निर्माता रायट गेम्स लिंगभेद का मुकदमा निपटाने के लिए दो हजार महिला कर्मचारियों को 10 करोड़ डॉलर (750 करोड़ रुपये) का मुआवजा देने पर सहमत हो गई है। वर्तमान और पूर्व पूर्व महिला कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ 2018 में मुकदमा दायर किया था, जिसे पहले महज 75 करोड़ रुपये में ही रफा-दफा किया जा रहा था।
इस पर कैलिफोर्निया की दो कर्मचारी एजेंसियों ने दखल देकर समझौता रुकवाया था ताकि महिलाओं को उचित मुआवजा दिलाया जा सके। इसके चलते आखिरकार चीनी टेक दिग्गज टेंसेंट के मालिकाना हक वाली रायट गेम्स को झुकना पड़ा और नवंबर 2014 से अब तक काम करने वाली कर्मचारियों को मुआवजे के रूप में 8 करोड़ डॉलर (करीब 600 करोड़ रुपये) और अटॉर्नी की फीस समेत अन्य खर्चों के लिए 2 करोड़ डॉलर (करीब 150 करोड़ रुपये) का भुगतान करेगी।
नौकरी और वेतन से जुड़े कार्यों की कराएगी ऑडिटिंग
रायट गेम्स ने कहा कि कंपनी का मानना है कि कार्यस्थल व कर्मचारियों को लेकर अच्छे कदम उठाने का सही वक्त है। इसके लिए वह कर्मचारियों की तनख्वाह और नौकरी से जुड़े कार्यों में लिंग समानता का थर्ड पार्टी विश्लेषण कराएगी। कंपनी एक विविधता व समावेशी कार्यक्रम में पैसा लगाने को भी तैयार हो गई है।
कंपनियों को मिलेगा सख्त संदेश
कैलिफोर्निया में निष्पक्ष रोजगार व आवास विभाग के निदेशक केविन किश के मुताबिक, लॉस एजिंलिस सुपीरियर कोर्ट द्वारा समझौते पर मुहर लगने के बाद यह गेमिंग जगत समेत तमाम उद्योगों को समान वेतन और कार्यस्थल को लिंग भेद से मुक्त करने का सख्त संदेश देगा।
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