मुंबई। ईडी ने एनएसई की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की मैनेजिंग डायरेक्टर (Managing director) रहीं चित्रा रामकृष्ण से जुड़े नए मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering cases) में नया खुलासा हुआ है।
गिरफ्तारी के बाद पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण (Former MD and CEO Chitra Ramakrishna) को कोर्ट ने उन्हें चार दिन की ईडी की रिमांड पर भेज दिया है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और एनएसई के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज कराया है।
एक रिपोर्अ के अनुसार जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है उनमें मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय और एक समय में एनएसई के टॉप लेवल की अधिकारी रहीं चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण के नाम हैं। आपको बता दें कि यह केस एनएसई के अफसरों की ओर से गलत तरीके से फोन टैपिंग कराने और स्टॉक एक्सचेंज के कर्मचारियों की जासूसी से जुड़ा है।
पहले सीबीआई और अब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी संजय पांडेय, उनकी दिल्ली स्थित कंपनी, एनएसई के पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण, रवि नारायण, कार्यकारी उपाध्यक्ष रवि वाराणसी और एनएसई के प्रेमाइसेज हेड महेश हल्दीपुर को अपने-अपने केस में आरोपित बनाया है। अधिकारियों ने बताया कि ईडी को गुप्त निगरानी में कथित अनियमितताओं का पता चला जिसके बाद उसने गृह मंत्रालय (MHA) को इसकी सूचना दी उसके बाद इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।
विदित हो कि ईडी ने 2018 के एनएसई गड़बड़ी मामले में 5 जुलाई को संजय पांडेय से पूछताछ की थी। यह फोन टैपिंग से अलग मामला है, जिसमें एनएसई अफसरों की मिलीभगत से को-लोकेशन सुविधा में हेरफेर करके कुछ ब्रोकर्स ने मोटी रकम कमाई थी। ईडी का मौजूदा केस सीबीआई की एफआईआर के आधार पर दर्ज किया गया है, जिसमें संजय पांडेय, उनकी कंपनी, चित्रा रामकृष्ण और अन्य को आरोपी बनाया गया है।
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