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    जिस कंपनी की बनाई सुरंग धंसी, उसे मिला उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्‍मान, 10 मजदूरों की हुई थी मौत

  • July 09, 2022

    नई दिल्ली । पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में निर्माणाधीन सुरंग धंसने से 10 लोगों की मौत (Death) की घटना में संलिप्त निर्माण कंपनी को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय (ministry of road transport and highways) ने फिलहाल उक्त कंपनी पर तीन माह तक किसी भी टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगाया है। जबकि मंत्रालय के नियम में स्पष्ट उल्लेख है कि बुनियादी ढांचा ढहने व उसमें किसी की मृत्यु होने पर संबंधित कंपनी को कम से कम तीन साल के लिए ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाता है। यानी ऐसी कंपनी तीन साल तक टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकती है।

    सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रलाय के दस्तावेज के अनुसार जम्मू-श्रीनगर के रामबन जिले में विगत 19 मई 2022 को रात साढ़े दस बजे सुरंग धंसने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना की जांच के लिए मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। इस बीच निर्माण कंपनी ने मंत्रालय के पत्र लिखा, इसमें कंपनी पर किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का अनुरोध किया गया है। इसके साथ ही पत्र में कंपनी द्वारा एक माह तक (29.6.2022) किसी भी टेडर प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेने का स्वयं पर प्रतिबंध लगाने की जानकारी दी।


    ध्यान देने की बात यह है कि मंत्रालय ने कंपनी के इस पत्र के आधार पर टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध की अवधि तीन माह (30.5.2022) तक कर दी। मंत्रालय की विशेष समिति की अंतिम रिपोर्ट के बाद प्रतिबंध पर फैसला किया जाएगा। इसके इतर मंत्रालय ने 28 जून 2022 को एनएचएआई के अधिकारियों, निर्माण कंपनियों, कंसल्टेंट आदि को बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उत्कृष्टता का पुरस्कार दिया है। इसमें सुरंग धंसने में संलिप्त उक्त कंपनी का नाम भी शामिल है। इसको लेकर मंत्रालय व एनएचएआई में खूब चर्चा हो रही है।

    सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 6 अक्तूबर 2021 को खराब प्रदर्शन करने वाली निर्माण कंपनियों पर दंडात्मक कार्रवाई को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। इसमें 10वें नंबर पर राजमार्ग अथवा ढांचा गिरने से जान की हानि होने पर कंपनी को कम से कम तीन साल के लिए ब्लैक लिस्ट किया जाता है। इसके अलावा परियोजना की कुल लागत का एक फीसदी बतौर जुर्माना लगाया जाता है। परियोजना में कंपनी के मुख्य अधिकारी को हटा दिया जाता है। इसके साथ ही परियाजना के कंसल्टेंट पर दंडात्मक कार्रवाई व मोटा जुर्माना लगाने का प्रावधान है। लेकिन रामबन में सुरंग धंसने के मामले में मंत्रालय ने अपनी ही एसओपी का पालन नहीं किया।

    इस बाबत सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के सचिव, एनएचएआई के चेयरमैन, एनएचएआई के पीआरओ को मेल के जरिए जवाब मांगा गया, लेकिन खबर लिखने तक उनका जवाब प्राप्त नहीं हुआ।

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