नई दिल्ली। सालाना 5 करोड़ रुपये से अधिक कारोबार करने वाली कंपनियां माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत अपने सालाना रिटर्न को स्वप्रमाणित कर सकेंगी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कारोबारियों को राहत देते हुए कहा है कि अब उन्हें चार्टर्ड अकाउंटेंट से अनिवार्य ऑडिट व सत्यापन की जरूरत नहीं होगी।
सीए से सत्यापन की अनिवार्यता खत्म 5 करोड़ से अधिक टर्नओवर पर लागू
जीएसटी के तहत 2 करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को छोड़ अन्य सभी को सालाना रिटर्न जीएसटीआर 9, 9ए दायर करना अनिवार्य है। वहीं, 5 करोड़ से अधिक कारोबार करने वाले करदाताओं को फाॅर्म जीएसटीआर 9सी के रूप में समाधान विवरण जमा कराना होता है। इस विवरण को ऑडिट के बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट सत्यापित करता है। सीबीआईसी ने जीएसटी नियमों में बदलाव कर इस अनिवार्यता को खत्म कर दिया है।
उद्योगों में शोधित जल के इस्तेमाल पर 18 फीसदी जीएसटी
जीएसटी कानून से जुड़े अथाॅरिटी फाॅर एडवांस रूलिंग (एएआर) ने एक फैसले में कहा कि सीवेज वाटर के शोधन के बाद औद्योगिक इस्तेमाल करने पर 18 फीसदी जीएसटी देना होगा। नागपुर वेस्ट वाटर मैनेजमेंट ने एएआर में अपील दायर कर शोधित जल के औद्योगिक इस्तेमाल पर जीएसटी लगाने की मांग की थी। नए फैसले से पेट्रोलियम, शराब, हाउसिंग व होटल उद्योग पर असर पड़ेगा।
इन बैंकों में एफडी पर मिल रहा ज्यादा ब्याज
हाल ही में कई बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) पर ब्याज दरों में बदलाव किया है। कई निजी बैंक एफडी पर 6.75 फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं। अगर आप भी एफडी कराना चाहते हैं तो जानें, कौनसा बैंक ज्यादा ब्याज दे रहा है…
एफडी पर ब्याज बैंक ब्याज दर
जना स्मॉल फाइनेंस बैंक 6.75%
सर्वोदय स्मॉल फाइनेंस बैंक 6.75%
उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक 6.75%
यस बैंक 6.50%
आरबीएल बैंक 6.50%
ड्यूश बैंक 6.25%
केनरा बैंक 5.5%
एसबीआई 5.4%
बैंक ऑफ बड़ौदा 5.25%
बैंक ऑफ इंडिया 5.15%
(सोर्स – बैंकबाजार डॉट कॉम, रकम एक करोड़ से कम, आंकड़े 30 जुलाई, 2021 तक के, अवधि तीन से पांच साल)
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