इंदौर। बाहरी राज्यों की कम्पनियों को जमीन अधिग्रहण (land acquisition) के बदले पेड़ लगाना पड़ते हैं। लिहाजा वन विभाग ने नया फार्मूला निकाला और बाहरी कम्पनियों से कहा कि वह प्रदेश में आकर पेड़ लगाएं और बदले में कार्बन क्रेडिट कमाएं। अंडमान-निकोबार (Andaman and Nicobar) से लेकर कोयला कम्पनियां भी इसके लिए तैयार हो गई हैं। देश की सभी बड़ी-बड़ी कम्पनियां निर्माण एवं उत्खनन इत्यादि कार्यों के लिए ज़मीन अधिग्रहण करती हैं। बदले में उन्हें वनों का विकास करना होता है।
वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कल इंदौर में कहा कि ऐसी सभी कम्पनियां मध्य प्रदेश (Companies Madhya Pradesh) आकर वन विकास निगम के माध्यम से वनों का विकास कर सकती हैं और बदले में कार्बन क्रेडिट प्राप्त कर सकती हैं। अभी हाल में इस संबंध में विभिन्न कोयला कंपनियों और अंडमान-निकोबार द्वीप (Nicobar Islands) के प्रशासन से चर्चा हुई है। वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने आज इंदौर में वन विकास निगम के क्षेत्रीय कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही। इस अवसर पर वन विकास निगम के एमडी अभय पाटिल (Corporation MD Abhay Patil), अपर प्रबंध संचालक कैप्टन ए.के. खरे, क्षेत्रीय मुख्य प्रबंधक सुदीप सिंह (Sudeep Singh) आदि मौजूद थे।
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