नई दिल्ली। भारत में कंपनियों द्वारा अगले साल यानी 2024 में 9.8 प्रतिशत की वेतनवृद्धि किए जाने की उम्मीद की जा रही है। विलिस टावर वाटसन की हाल ही में जारी ‘सैलरी बजट प्लानिंग इंडिया रिपोर्ट’ में यह सामने आया है। इसमें कहा गया है कि सभी क्षेत्रों की कंपनियां अभी भी अपने लागत ढांचे की बारीकी से निगरानी कर रही हैं ऐसे में ज्यादा वेतन वृद्धि की संभावना नहीं है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि कंपनियां अगले साल वेतन में 9.8 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती हैं। हालांकि, यह 2023 में 10 प्रतिशत की वृद्धि से थोड़ा कम है।
‘सैलरी बजट प्लानिंग इंडिया रिपोर्ट’ में अनुसार, भारत में औसत वेतनवृद्धि 2024 में 9.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2023 में 10 प्रतिशत की वास्तविक वृद्धि के करीब है। सर्वे के मुताबिक, आईटी क्षेत्र में वेतन वृद्धि में कमी की उम्मीद है। पहले 2024 के लिए लगभग 11 से 12 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान था, जो अब घटकर 10 प्रतिशत प्रतिशत पर आ गया है। इसके विपरीत, विनिर्माण, फार्मास्यूटिकल्स, मीडिया और गेमिंग जैसे क्षेत्रों का विस्तार हो रहा है। यह क्षेत्र अगले साल ज्यादा भर्ती करने के साथ ज्यादा वेतन दे सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 की तुलना में आधे से अधिक कंपनियों ने इस साल वेतन के बजट में वृद्धि की है। एक चौथाई ने बजट को पहले के अनुमानों से बढ़ाया है। 36 प्रतिशत कंपनियों को अनुमान है कि अगले 12 महीनों में राजस्व की वृद्धि सकारात्मक रहेगी। 28 प्रतिशत कंपनियां अगले साल नए कर्मचारियों की भर्ती करेंगी, जबकि 60 फीसदी ने इसी साल भर्ती की है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, विलिस टॉवर वॉटसन ने अप्रैल और मई 2023 में यह सर्वे किया था। इसमें 150 देशों की कंपनियां शामिल थीं। वहीं भारत की ओर से इसमें 708 प्रतिभागी शामिल हुए थे। पूरे एशिया प्रशांत में सबसे अधिक वेतन वृद्धि भारत में होगी। इसके बाद वियतनाम के लिए 2024 में वेतनवृद्धि आठ प्रतिशत अनुमानित है। वहीं अगर बात चीन की करें तो वहां छह प्रतिशत इसी तरह फिलिपीन में 5.7 प्रतिशत और थाइलैंड में पांच प्रतिशत वेतन बढ़ेगा। वहीं, इस सर्वे में भारत में नौकरी छोड़ने वालों के बारे में बड़ा दावा किया गया है। इसके मुताबिक, भारत में नौकरी छोड़ने वालों की संख्या घटकर 14.6 फीसदी पर आ गई है जो 2022 में 15 फीसदी से ज्यादा थी।
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