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    सिर्फ 10 कंपनियों ने ही भाजपा को किए 2119 करोड़ की फंडिंग, जानें कांग्रेस का भी लेखा-जोखा

  • March 22, 2024

    नई दिल्‍ली(New Delhi) । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)के आदेश पर भारतीय स्टेट बैंक (state Bank of India) ने गुरुवार को चुनावी बॉन्ड(electoral bond) को लेकर लगभग हर जानकारी का खुलासा (exposure)कर दिया है। चंदा देने वालों, पार्टियों के नाम और चंदे की राशि सहित हर जानकारी सार्वजनिक कर दी गई है। चुनाव आयोग को प्राप्त आंकड़ों की जांच से पता चलता है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को कुल 487 कंपनियों ने दान दिया। इनमें से 10 कंपनियों ने 2119 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। यह राशि भगवा पार्टी को प्राप्त 6060 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड का 35 प्रतिशत है। दूसरे दलों की तुलना में यह सर्वाधिक है।

    एसबीआई द्वारा दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि फ्यूचर गेम्स एंड होटल सर्विसेज लिमिटेड ने बीजेपी को सिर्फ 100 करोड़ रुपये की फंडिंग की है। इस कंपनी ने राजनीतिक दलों कोकुल 1368 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। इस कंपनी के द्वारा तृणमूल कांग्रेस को सबसे अधिक 542 करोड़ रुपये और डीएमके 503 करोड़ रुपये दिए गए हैं।


    मेघा ग्रुप ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को सबसे अधिक चंदा दिया है। इस कंपनी ने 1192 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीद। इनमें से भाजपा को लगभग आधा यानी 584 करोड़ रुपये मिले। वहीं, कांग्रेस को 110 करोड़ रुपये मिले।

    एमकेजे समूह की चार कंपनियों (मदनलाल लिमिटेड, केवेंटर फूड पार्क इंफ्रा लिमिटेड और ससमल इंफ्रास्ट्रक्चर) ने 617 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। इनमें से भाजपा को 372 करोड़ रुपये मिले। कांग्रेस को 161 करोड़ रुपये और तृणमूल कांग्रेस को सिर्फ 47 करोड़ रुपये मिले।

    आपको बता दें कि आदित्य बिड़ला समूह की आठ कंपनियों ने 584 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। इस समूह की हल्दिया एनर्जी ने 377 करोड़ रुपये के, धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर ने 115 करोड़ रुपये के, फिलिप्स कार्बन ने 35 करोड़ रुपये के और क्रिसेंट पावर ने 34 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं। इसमें से तृणमूल कांग्रेस को सबसे अधिक 419 करोड़ रुपये मिले। वहीं, बीजेपी को 126 करोड़ रुपये और कांग्रेस को महज 15 करोड़ रुपये चंदा के तौर पर मिले हैं।

    आरपीएसजी समूह ने 553 करोड़ रुपये का बॉन्ड खरीदा। चुनावी चंदा देने के मामले में यह पांचवां सबसे बड़ा ग्रुप है। इस ग्रुप में शामिल एस्सेल माइनिंग ने 225 करोड़ रुपये, उत्कल एलुमिना इंटरनेशनल ने 145 करोड़ रुपये और बिड़ला कार्बन ने 105 करोड़ रुपये का बॉन्ड खरीदा है। इसमें से 245 करोड़ रुपये बीजेडी को और 230 करोड़ रुपये बीजेपी को मिले हैं।

    रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहयोगी कंपनी क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने 410 करोड़ रुपये का बॉन्ड खरीदा है। इसमें से बीजेपी को 375 करोड़ रुपये और शिवसेना को 25 करोड़ रुपये मिले हैं। वेदांता लिमिटेड ने बॉन्ड खरीदने में 401 करोड़ रुपये खर्च किए। यह कंपनी इस लिस्ट में सातवें स्थान पर है। भाजपा को इस कंपनी ने 227 करोड़ रुपये का चंदा दिया। वहीं, कांग्रेस और बीजेडी को क्रमशः 104 करोड़ रुपये और 40 करोड़ रुपये दिए।

    भारती ग्रुप की चार कंपनियों ने 247 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं। भारती एयरटेल लिमिटेड ने बॉन्ड पर 183 करोड़ रुपये खर्च किये। इसमें से बीजेपी को 197 करोड़ रुपये मिले हैं। वहीं, जिंदल ग्रुप की चार कंपनियों ने 192 करोड़ का दान दिया है। जिंदल स्टील एंड पावर ने 123 करोड़ रुपये खर्च किये। इस ग्रुप ने बीजेडी को सबसे अधिक 100 करोड़ का चंदा दिया। वहीं, कांग्रेस को 20 करोड़ तो भाजपा को सिर्फ 3 करोड़ का दान मिला है।

    चुनावी बॉन्ड खरीदने वालों में दसवें नंबर पर अहमदाबाद के टोरेंट ग्रुप का नाम आता है। इसकी तीन कंपनियों ने 184 करोड़ रुपये का दान दिया। टोरेंट पावर लिमिटेड ने 107 करोड़ रुपये खर्च किए। इसमें से बीजेपी को 107 करोड़ रुपये मिले। कांग्रेस और आप को क्रमश: 17 करोड़ रुपये और 7 करोड़ रुपये मिले।

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